
मुंबई। मुंबई के निकट वधान बंदरगाह और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार से महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगी और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) को बढ़ावा मिलेगा। यह बात महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन ने बुधवार को मुंबई में ‘विकसित भारत के लिए लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र का सतत विकास’ विषय पर आयोजित शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान कही। इस सम्मेलन का आयोजन महाराष्ट्र औद्योगिक विकास संघ और एसएमई चैंबर ऑफ इंडिया द्वारा किया गया था। राज्यपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में लघु एवं मध्यम उद्यमों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। उन्होंने कहा कि बड़े उद्योग, लघु उद्योग और सूक्ष्म उद्योग एक-दूसरे के पूरक हैं, इसलिए यदि लघु एवं मध्यम उद्योग बढ़ेंगे, तो वे बड़े उद्योगों को भी सहयोग देंगे।
राज्यपाल ने जापान का उदाहरण देते हुए कहा कि वहाँ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) ने आर्थिक प्रगति में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने एसएमई चैंबर ऑफ इंडिया के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन लघु उद्यमों को सशक्त बनाने में बेहतरीन कार्य कर रहा है।
सम्मेलन में सम्मान और नई पहल की शुरुआत
इस अवसर पर राज्यपाल ने 23वें भारत एसएमई उत्कृष्टता पुरस्कार और 14वें महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार प्रदान किए। साथ ही, उन्होंने राष्ट्रीय लघु एवं मध्यम उद्यम उत्पादकता मिशन, एसएमई टीवी और एसएमई लीगल सेल का उद्घाटन किया। यह सम्मेलन महाराष्ट्र औद्योगिक विकास संघ के रजत जयंती स्थापना दिवस और एसएमई चैंबर ऑफ इंडिया के 32वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया था।
सम्मेलन में शामिल प्रमुख हस्तियां
इस अवसर पर एसएमई चैंबर ऑफ इंडिया के संस्थापक एवं अध्यक्ष चंद्रकांत सालुंके, राज्यपाल के सचिव डॉ. प्रशांत नारनवारे, एएचआई मीडिया प्रयोगशालाओं के अध्यक्ष जी. एम. वारके, एमआईडीए के मुख्य सलाहकार मोहन राठौड़, उपाध्यक्ष सुदेश वैद्य, एलएंडटी-सूफिन लिमिटेड के भद्रेश पाठक, समेत बड़ी संख्या में उद्यमी एवं महिला उद्यमी उपस्थित थे।
एमएसएमई क्षेत्र को मिलेगी मजबूती
राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा कि वधान बंदरगाह और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विस्तार औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों को गति देगा, जिससे महाराष्ट्र में एमएसएमई सेक्टर को भी नई ऊंचाइयां मिलेंगी। उन्होंने इस क्षेत्र में और अधिक निवेश और नवाचार को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।