
पुणे। एमआईटी आर्ट, डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी विश्वविद्यालय (एमआईटी-एडीटी) के 8वें दीक्षांत समारोह में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि विद्यार्थी आत्मनिर्भर और विकसित भारत की रीढ़ हैं। उन्हें केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित नहीं रहकर, समाज की उन्नति और देश की प्रगति के लिए अर्जित ज्ञान का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने असफलता को सफलता की सीढ़ी बनाने और अपने ज्ञान व कर्मठता के बल पर भारत को विश्व की महाशक्ति बनाने का आह्वान किया। समारोह में आईआईटी मंडी के निदेशक प्रो. (डॉ.) लक्ष्मीधर बेहरा, एमआईटी-एडीटी के कार्याध्यक्ष प्रो. (डॉ.) मंगेश कराड, राष्ट्रीय विशेषज्ञ सलाहकार परिषद के अध्यक्ष श्री रामानन रामनाथन, ग्लास उद्योग के प्रमुख श्री सुभाष त्यागी और राष्ट्रीय रियल एस्टेट विकास परिषद की राष्ट्रीय अध्यक्षा श्रीमती स्मिता पाटिल समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। डॉ. लक्ष्मीधर बेहरा ने कहा कि भारतीय परंपरा आनंद को भीतर खोजने की शिक्षा देती है और अनुभवाधारित शिक्षा के माध्यम से ही भारत आत्मनिर्भर बन सकता है। श्री रामानन रामनाथन ने विज्ञान और तकनीक में भारत की उपलब्धियों और भविष्य के अनुसंधान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। श्रीमती स्मिता पाटिल ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों की सराहना की और विद्यार्थियों को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। गोल्ड प्लस ग्लास इंडस्ट्रीज के चेयरमैन श्री सुभाष त्यागी ने कहा कि काँच उत्पादन क्षेत्र में रोजगार और अनुसंधान की विशाल संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि कठिन परिश्रम और इच्छाशक्ति के बल पर उन्होंने उद्योग को 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक वार्षिक आय और 4 हजार से अधिक रोजगार प्रदान किए। समारोह में उन्हें औद्योगिक नेतृत्व के लिए डॉक्टर ऑफ लेटर्स (D.Litt.) की मानद उपाधि प्रदान की गई। इसी अवसर पर श्री रामानन रामनाथन को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में योगदान के लिए डॉक्टर ऑफ साइंस (D.Sc.) की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। इस समारोह में कुल 3,334 विद्यार्थियों को डिग्री प्रदान की गई, साथ ही 21 पीएच.डी, 21 स्वर्ण पदक और 195 रैंक होल्डर प्रमाणपत्र वितरित किए गए। राजदंड के साथ निकाली गई शोभायात्रा और ‘पसायदान’ के गायन ने समारोह को और आकर्षक बनाया। कार्यक्रम में देशभर से आए 8,000 से अधिक लोग उपस्थित रहे।




