
तीनों सेनाओं की सामर्थ्य से ही राष्ट्र की प्रगति: राज्यपाल
मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भारतीय सेना की बहादुरी, सेवा और देश के प्रति त्याग की सराहना करते हुए कहा कि देश में शांति का वातावरण तभी समाज की प्रगति संभव है। उन्होंने कहा कि थलसेना, नौसेना और वायुसेना अत्यंत सक्षम हैं, और यही कारण है कि हमारे सैनिक एवं अधिकारी सर्वोच्च सम्मान के पात्र हैं। सशस्त्र सेना ध्वज दिवस के 76वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में मुंबई शहर और मुंबई उपनगर जिलों द्वारा आयोजित ध्वज निधि संग्रहण अभियान का शुभारंभ राज्यपाल ने लोकभवन, मुंबई में किया। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि सैनिक केवल देश की सीमाओं की रक्षा नहीं करते, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं और आपातकालीन परिस्थितियों में भी नागरिकों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं। सैनिकों के प्रति नागरिकों का विश्वास ही राष्ट्र की सुरक्षा का आधार है। राज्यपाल ने तीनों सेनाओं के कार्य, त्याग, साहस और शौर्य की सराहना की और कहा कि सेवारत एवं सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों का जज़्बा प्रेरणादायक है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे सैनिकों और उनके परिवारों के पुनर्वसन एवं कल्याण में सहयोग करें। जिल्हाधिकारी सौरभ कटियार ने बताया कि ध्वज निधि का उपयोग शहीद सैनिकों के परिवारों को आर्थिक सहायता, युद्ध में घायल/अपंग सैनिकों के पुनर्वसन, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण, सैनिकों के बच्चों की शिक्षा सहायता और सैनिक कल्याण बोर्ड के विभिन्न उपक्रमों के लिए किया जाता है। ध्वज निधि संग्रह में उल्लेखनीय योगदान देने वाले अधिकारियों और संस्थाओं को राज्यपाल द्वारा सम्मानित किया गया। इसमें कोकण विभाग के आयुक्त विजय सूर्यवंशी, मुंबई शहर और उपनगर के जिल्हाधिकारी सौरभ कटियार एवं अंचल गोय, छत्रपती संभाजीनगर के विभागीय आयुक्त जितेंद्र पापलकर, अहिल्यानगर के जिल्हाधिकारी डॉ. पंकज अशीया, अमरावती के जिल्हाधिकारी अशिष येरेकर, सोलापुर के जिल्हाधिकारी कुमार आशिर्वाद, बीड के जिल्हाधिकारी विवेक जॉन्सन, मुख्य कार्यकारी अधिकारी रविंद्र खेबुडकर, उपविभागीय अधिकारी प्रशांत डागे, जिला प्रकल्प अधिकारी संजयकुमार शिंदे, एमसीजीएम (कांदिवली) के उपआयुक्त संजय खुराडे, बोरिवली के तहसीलदार इरेश चापलवार, अंधेरी की तहसीलदार स्नेहलता स्वामी, प्रशासन अधिकारी किसन केकरे, उत्तर विभाग (चेंबूर) के शिक्षा निरीक्षक मुश्ताक शेख, पश्चिम विभाग (जोगेश्वरी) के शिक्षा निरीक्षक संजय जावीर, संयुक्त जिल्हा निबंधक रमेश पगार, उत्पादन शुल्क विभाग के अधीक्षक निलेश सांगडे, जीएसटी विभाग (माझगांव) के उपआयुक्त संतोषकुमार राजपूत, प्रादेशिक परिवहन अधिकारी भारत काळसकर, अन्न व नागरी पुरवठा विभाग के संचालक चंद्रकांत डांगे, सहकार विभाग के जिल्हा उपनिबंधक नितिन काळे, सामाजिक कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त रविकिरण पाटील, संयुक्त जिल्हा निबंधक भरत गरुड और दक्षिण विभाग की शिक्षा निरीक्षक वैशाली वीर शामिल थे। नागपुर के जिल्हाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर की ओर से मेजर आनंद पाठरकर ने सम्मान स्वीकार किया।
कार्यक्रम में वाइस एडमिरल कृष्णा स्वामीनाथन (वेस्टर्न कमांड, भारतीय नौसेना), लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. कुशवाहा (थलसेना), एयर वाइस मार्शल प्रशांत वडोदकर (एयर फोर्स), सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव पंकज कुमार, राज्यपाल के सचिव डॉ. प्रशांत नारनवरे, सैनिक कल्याण विभाग के संचालक कर्नल दीपक ठोंगे (सेवानिवृत्त), मुंबई शहर और उपनगर के सैनिक कल्याण अधिकारी मेजर प्रांजल जाधव, विभिन्न दानदात्री संस्थाएँ, स्कूल, नगरपालिकाएँ और सरकारी एवं निजी क्षेत्र के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
राज्यपाल ने सभी उपस्थित लोगों को यह संदेश दिया कि सैनिकों के बलिदान और त्याग के प्रति आभार व्यक्त करना और उनके पुनर्वसन में सहयोग करना हर नागरिक का नैतिक दायित्व है। इस कार्यक्रम के माध्यम से नागरिकों में सेना के प्रति सम्मान और जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ ध्वज निधि के योगदान का महत्व भी प्रदर्शित किया गया।




