
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार असंगठित श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा योजना को अधिक प्रभावी बनाने के लिए जल्द ही कैबिनेट के समक्ष प्रस्ताव पेश करेगी। विधान परिषद में बुधवार को श्रम राज्य मंत्री एडवोकेट आशीष जायसवाल ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस विषय में मुख्यमंत्री एवं संबंधित अधिकारियों से चर्चा की जाएगी और सरकार इस पर सकारात्मक रुख अपनाएगी।
राज्य में असंगठित श्रमिकों के लिए नए कानून की तैयारी
राज्य सरकार ने 2023 में असंगठित श्रमिकों के लिए एक बोर्ड की स्थापना की थी, जिसमें औद्योगिक एवं व्यावसायिक क्षेत्र के 39 सेक्टरों की पहचान की गई और 340 प्रकार के कार्यों को शामिल किया गया। अब सरकार केंद्र सरकार के सामाजिक सुरक्षा कानून पर विचार करते हुए महाराष्ट्र में भी व्यापक सुरक्षा कानून बनाने की तैयारी कर रही है।
स्थिर और आत्मनिर्भर निगम बनाने की योजना
एडवोकेट जायसवाल ने बताया कि राज्य में पहले से ही भवन निर्माण श्रमिकों के लिए एक बोर्ड स्थापित किया गया है। उसी तर्ज पर असंगठित श्रमिकों के लिए एक स्थिर और आत्मनिर्भर निगम बनाने की योजना है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में लागू योजनाओं का अध्ययन करने के बाद महाराष्ट्र में भी इन्हें लागू किया जाएगा।
ई-श्रम पोर्टल और एकीकृत पंजीकरण प्रणाली
कोरोना काल के दौरान महाराष्ट्र के असंगठित श्रमिकों का ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण किया गया था। अब सरकार उन श्रमिकों के लिए एकीकृत पंजीकरण प्रणाली स्थापित करने जा रही है, जिन्हें योजनाओं का लाभ नहीं मिल सका है।विधान परिषद सदस्य सत्यजीत तांबे ने ऑनलाइन ऐप के माध्यम से सामान पहुंचाने वाले गिग वर्कर्स के संबंध में सवाल उठाया। इस पर सदस्य निरंजन डावखरे और भाई जगताप ने भी उप-प्रश्न पूछे। इस पर मंत्री जायसवाल ने आश्वासन दिया कि सरकार इन श्रमिकों के कल्याण के लिए भी ठोस कदम उठाएगी।
अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं असंगठित श्रमिक
राज्य मंत्री जायसवाल ने कहा कि असंगठित श्रमिक महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। इसलिए इनके लिए प्रभावी योजना बनाना समय की मांग है। सरकार जल्द ही इस पर ठोस निर्णय लेगी।