
नागपुर। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज ने जल प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण, कानून एवं व्यवस्था, महिलाओं की सुरक्षा और जाति-धर्मों के सम्मान का जो आदर्श प्रस्तुत किया, उसे संरक्षित कर नई पीढ़ी तक पहुँचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। वे केंद्रीय संग्रहालय में शिवकालीन शस्त्रों की प्रदर्शनी के उद्घाटन के बाद कविवर्य सुरेश भट सभागृह में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस अवसर पर राजस्व मंत्री एवं पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे, सांस्कृतिक कार्य मंत्री एड. आशीष शेलार, मुख्य सचिव सुजाता सौनिक, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव विकास खारगे, जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर और मुधोजीराजे भोसले सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने बताया कि स्वराज्य की रक्षा के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा उपयोग किए गए वाघनख (बाघ के पंजे) को काफी प्रयासों के बाद पुनः प्राप्त किया गया है। पहले ये सातारा संग्रहालय में थे, अब विदर्भ के लोगों को भी इनका दर्शन करने का अवसर मिला है। उन्होंने छात्रों से इस प्रदर्शनी का अधिकतम लाभ उठाने का आह्वान किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब महाराष्ट्र पर आक्रमण हुए, तब हमारी संस्कृति, भाषा और धर्म के अस्तित्व पर संकट था, लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वातंत्र्य को सुरक्षित रखा। आज हम जो स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं, उसकी नींव उन्होंने रखी थी।
सांस्कृतिक कार्य मंत्री एड. आशीष शेलार ने कहा कि राज्य के गौरवशाली इतिहास को जन-जन तक पहुँचाना सरकार का लक्ष्य है और वाघनखों की प्रदर्शनी इसी प्रयास का हिस्सा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘विरासत से विकास’ दृष्टिकोण के तहत यह कदम उठाया गया है। इस अवसर पर शिवकालीन शस्त्रों पर आधारित एक पुस्तक और वाघनखों पर विशेष डाक टिकट का भी अनावरण किया गया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने मराठा कालीन शस्त्रों और वाघनखों का अवलोकन किया। प्रदर्शनी के तहत मर्दानी खेल, चर्चासत्र और व्याख्यान भी आयोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने विश्वास व्यक्त किया कि यह प्रदर्शनी हजारों युवाओं को प्रेरित करेगी।