Sunday, June 29, 2025
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संगम तट पर हनुमान मंदिर कॉरिडोर, सर्वे के बाद सेना ने रक्षा मंत्रालय को भेजी रिपोर्ट

प्रयागराज। महाकुंभ-2025 से पहले संगम पर देश-दुनिया से आने वाले संतों-भक्तों को बड़े हनुमान मंदिर कॉरिडोर की सौगात मिलने की उम्मीद है। योगी आदित्यनाथ सरकार की ओर से संगम पर प्रस्तावित प्रयागराज की इस पहली कॉरिडोर परियोजना को सेना की एनओसी मिलने के संकेत मिले हैं। काशी विश्वनाथ धाम, विंध्याचल धाम, अयोध्या और उज्जैन के महाकाल कॉरिडोर की तर्ज पर बड़े हनुमान मंडिर कॉरिडोर को बनाने की योजना है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण और सेना के संयुक्त सर्वे के बाद रक्षा संपदा विभाग की ओर से रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को भेज दी गई है। महाकुंभ से पहले प्रयागराज के तीर्थों का कायाकल्प योगी सरकार के प्राथमिकता बिंदुओं में शामिल है। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हनुमान मंदिर को नया स्वरूप प्रदान किया जाएगा। इसके लिए मंदिर के पास स्थित 11589 स्क्वायर मीटर जमीन को चिह्नित किया गया है।
विशाल गर्भगृह के साथ बनेगा परिक्रमा मार्ग
इसमें 535 स्क्वायर मीटर में बड़े हनुमान मंदिर का भव्य गर्भगृह और परिक्रमा पथ बनाया जाएगा। जबकि, कॉरिडोर एरिया के लिए 2184 स्क्वायर मीटर भूमि निर्धारित की गई है। इस कॉरिडोर एरिया में पाथवे के अलावा पूजा-प्रसाद, फूलमाला की दुकानें और श्रद्धालुओं के लिए 6176 स्क्वायर मीटर खुला क्षेत्र सुसज्जित किया जाएगा।इसी तरह कॉरिडोर रोड के लिए 1310 स्क्वायर मीटर और पैदल परिक्रमा पथ के लिए 760 स्क्वायर मीटर भूमि प्रस्तावित की गई है। प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से तैयार की गई करीब 40 करोड़ रुपये की इस कॉरिडोर परियोजना की डिजाइन भी तैयार कर ली गई है। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र इस मंदिर कॉरिडोर परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए अफसरों के साथ मंथन कर चुके हैं। एडीएम कुंभ मेला दयानंद प्रसाद के मुताबिक हनुमान मंदिर कॉरिडोर की डिजाइन फाइनल हो गई है। पोर्टल पर एनओसी के लिए आवेदन किया गया है। सेना की अनुमति मिलने के बाद इस ड्रीम प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा।
मेला प्राधिकरण और सेना के अधिकारियों के साथ हनुमान मंदिर कॉरिडोर परियोजना के लिए संयुक्त सर्वे कराया गया है। औचित्य के साथ इसकी रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को भेज दी गई है। शीर्ष स्तर पर अनुमति का इंतजार है। – अमित मिश्रा, रक्षा संपदा अधिकारी-सब एरिया, कैंटोनमेंट प्रयागराज

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