
मुंबई। घाटकोपर होर्डिंग गिरने के मामले में मुंबई क्राइम ब्रांच की एसआईटी ने 3,299 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें जीआरपी और बीएमसी अधिकारियों के बीच मिलीभगत का खुलासा हुआ है। इस चार्जशीट को इस मामले में गिरफ्तार चार आरोपियों के खिलाफ दायर किया गया है, जबकि बीएमसी और जीआरपी अधिकारियों की भूमिका की जांच अभी भी चल रही है। चार्जशीट में खुलासा हुआ है कि बड़े होर्डिंग की खुदाई के दौरान पास का एक पेड़ गिर गया था, जिसके बाद जेसीबी ऑपरेटर ने मिट्टी के परीक्षण की सिफारिश की थी क्योंकि जमीन नरम थी। इसके बावजूद ईगो मीडिया के निदेशक और मुख्य आरोपी ने इन चेतावनियों को नजरअंदाज कर दिया और आवश्यक मिट्टी परीक्षण किए बिना काम जारी रखा।चार्जशीट में निलंबित आईपीएस अधिकारी कैसर खालिद के एक आरोपी, भावेश भिंडे, के साथ संबंध का भी उल्लेख है। चार्जशीट के अनुसार, खालिद, भिंडे और बीएमसी लाइसेंस इंस्पेक्टर सुनील दलवी ने ईगो मीडिया के लिए होर्डिंग कॉन्ट्रेक्ट दिलवाने के लिए कानूनी खामियों का फायदा उठाया। भिंडे के खिलाफ आरोप दायर किए गए हैं, जबकि खालिद, अन्य जीआरपी अधिकारियों और बीएमसी अधिकारियों के खिलाफ जांच जारी है।
मिट्टी परीक्षण की अनदेखी
चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि खुदाई के दौरान जेसीबी ऑपरेटर ने नोट किया कि मिट्टी नरम थी, जिससे पास के पेड़ गिर गए थे। ऑपरेटर ने मिट्टी परीक्षण का अनुरोध किया था, जिसमें 15 दिन लगते, लेकिन मराठे और भिंडे ने बिना इसे किए आगे बढ़ने का निर्णय लिया, जो कि होर्डिंग गिरने की एक मुख्य वजह मानी जा सकती है। ऑपरेटर का बयान चार्जशीट में गवाह के रूप में दर्ज किया गया है।