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मुंबई। मध्य रेल ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती के अवसर पर एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें महाप्रबंधक धर्मवीर मीना ने छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) की हेरिटेज बिल्डिंग में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान, “छत्रपति शिवाजी महाराज की जय” के नारों से परिसर गूंज उठा। अपने संबोधन में, श्री मीना ने छत्रपति शिवाजी महाराज को भारत के महानतम राष्ट्रीय नायकों में से एक बताया, जिन्होंने न्याय, नैतिकता और सहिष्णुता पर आधारित हिंदवी स्वराज की नींव रखी। उन्होंने महाराज को एक दयालु, उदार और धर्मनिरपेक्ष शासक के रूप में वर्णित किया। मार्च 1996 में, प्रतिष्ठित विक्टोरिया टर्मिनस का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी टर्मिनस किया गया, जिसे 2017 में छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) कर दिया गया। यह परिवर्तन महाराष्ट्र की जनता की भावनाओं और राज्य की पहचान में शिवाजी महाराज की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। 7 अप्रैल 2004 को, सीएसएमटी को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता मिली। 1887 में निर्मित यह वास्तुशिल्प कृति मुंबई के प्रमुख विरासत स्थलों में से एक है और आज भी लाखों दैनिक यात्रियों और लंबी दूरी के यात्रियों की सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इस अवसर पर, मध्य रेल के प्रमुख विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ अधिकारी और कर्मचारी भी उपस्थित थे, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत और उनके नेतृत्व के प्रति सम्मान प्रकट किया। छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर, हम उनके साहस, लचीलापन और अपने लोगों के प्रति कर्तव्य की भावना को स्मरण करते हैं, जो हमें भविष्य में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।