Sunday, August 10, 2025
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‘गरुड़ दृष्टि’ से साइबर अपराध पर नकेल — मुख्यमंत्री फडणवीस ने पीड़ितों को लौटाई 10 करोड़ रुपए की राशि

नागपुर। कुछ समाज विरोधी तत्वों द्वारा सोशल मीडिया पर जातीय द्वेष फैलाने वाली उकसाऊ सामग्री डालने के कारण पहले भी दंगे भड़क चुके हैं। ऐसे अपराधों पर रोक लगाने के लिए अब महाराष्ट्र के पास दुनिया की सर्वोत्तम प्रणाली और तकनीक उपलब्ध है। इन अपराधियों को खोज निकालने और तत्काल कार्रवाई करने में ‘गरुड़ दृष्टि’ टूल्स अहम भूमिका निभा रहे हैं, यह बात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने रविवार को नागपुर पुलिस विभाग में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। यह कार्यक्रम ‘गरुड़ दृष्टि’ सोशल मीडिया मॉनिटरिंग व साइबर इंटेलिजेंस प्रोजेक्ट की प्रस्तुति और साइबर आर्थिक अपराधों की जांच से प्राप्त 10 करोड़ रुपए की राशि पीड़ितों को लौटाने के लिए आयोजित किया गया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया अपने विचार व्यक्त करने का अच्छा माध्यम है, लेकिन कुछ प्रवृत्तियां इसका इस्तेमाल नफरत फैलाने, धमकी देने, हेट स्पीच, फेक न्यूज और मादक पदार्थों की तस्करी के लिए करती हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि मोबाइल पर आने वाले किसी भी प्रकार के ऑफर आर्थिक धोखाधड़ी का जाल होते हैं और यदि किसी को धोखाधड़ी का अंदेशा हो तो तुरंत 1930 या 1945 नंबर पर संपर्क करें। ‘गरुड़ दृष्टि’ प्रणाली से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हो रही आपराधिक गतिविधियों की पहचान और उनका पीछा करना संभव होगा और भविष्य में इसकी क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। समारोह में धोखाधड़ी के शिकार लोगों को जांच के बाद लौटाई गई राशि में रोहित अग्रवाल 73 लाख रुपए, शशिकांत नारायण परांडे 34,77,724 रुपए, देविदास पारखी 35,15,842 रुपए, विजय प्रकाश पाठक 19,90,354 रुपए, विजय मेनघाणी 19 लाख रुपए, देवेंद्र खराटे 12,81,000 रुपए, श्रीमती राजमनी अजय जोशी 29,95,000 रुपए, राहुल चावड़ा 15 लाख रुपए, बुद्धपाल बागड़े 10 लाख रुपए, आदित्य गोयंका 26,20,556 रुपए और संगीता आष्टणकर 8,24,000 रुपए शामिल हैं (उपरोक्त नाम प्रतीकात्मक)।
गरुड़ दृष्टि की विशेषताएं और उपलब्धियां
सोशल मीडिया मॉनिटरिंग: गरुड़ दृष्टि शुरू होने से अब तक सोशल मीडिया पर 30,000 पोस्ट की जांच की गई है।
आपत्तिजनक सामग्री पर कार्रवाई: इनमें से 650 आपत्तिजनक पोस्ट की पहचान कर उन्हें संबंधित प्लेटफार्म से हटवाया गया है।
कानून और व्यवस्था नियंत्रण: सोशल मीडिया से फैलने वाली अफवाहें, नफरत भरी सामग्री, विवादास्पद पोस्ट से होने वाले तनाव और कानून-व्यवस्था की समस्याओं को रोकने के लिए इस टूल का प्रभावी उपयोग हुआ है।
कम लागत की स्थानीय नवकल्पना: साइबर हैक 2025 प्रतियोगिता से उभरे इस टूल को बहुत कम लागत में विकसित किया गया है और इसके बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights) नागपुर पुलिस के पास हैं।
बहुपयोगी क्षमता: गरुड़ दृष्टि न केवल अपराध रोकथाम में, बल्कि सोशल मीडिया पर ट्रेंड्स का विश्लेषण, संदिग्ध खातों की पहचान और तत्काल कार्रवाई में भी उपयोगी है।

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