Sunday, December 14, 2025
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मुंबईकरों के घर का सपना से लेकर विदर्भ के कायाकल्प तक, सरकार के फैसलों से बदलेगा महाराष्ट्र का भविष्य: उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे

नागपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘सबके लिए आवास’ की संकल्पना को साकार करने और आम मुंबईकरों के घर का सपना पूरा करने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी निर्णय लिए हैं। मुंबई में पुनर्विकास से जुड़ी वर्षों पुरानी अड़चनों को दूर कर आम नागरिकों को बड़ी राहत दी गई है। हिंदुहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे की जन्मशताब्दी वर्ष के अवसर पर 23 जनवरी से मुंबईकरों के लिए इन योजनाओं को लागू कर बालासाहेब के चरणों में योजनापुष्प अर्पित किए जा रहे हैं। यह विचार उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विधान परिषद में अंतिम सप्ताह की चर्चा का उत्तर देते हुए व्यक्त किए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई के तेज़ और संतुलित विकास से महाराष्ट्र सुपर फास्ट गति से आगे बढ़ रहा है और साथ ही विदर्भ को विकास का वैभव दिलाने के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि मुंबई में ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट के बिना बनी लगभग 20 हजार इमारतों को सरकार ने राहत देने का निर्णय लिया है, जिससे ढाई लाख से अधिक परिवारों और 10 लाख से ज्यादा नागरिकों को सीधा लाभ मिलेगा। नवी मुंबई में घर खरीदने वालों के लिए राहतभरी घोषणा करते हुए उन्होंने कहा कि सिडको के घरों की कीमतों में सीधे 10 प्रतिशत की कटौती की गई है। मुंबई को झोपड़पट्टी मुक्त बनाने के लिए 50 एकड़ से बड़े भूखंडों पर एसआरए क्लस्टर पुनर्विकास लागू किया गया है और एसआरए योजनाओं की मंजूरी की अवधि 120 दिनों से घटाकर 60 दिन कर दी गई है। रामाबाई आंबेडकर नगर के पुनर्वसन प्रकल्प का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है। मुंबई के गतिशील विकास की दिशा में संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के निवासियों को 5 किलोमीटर के दायरे में वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए जाएंगे। बंद कपड़ा मिलों के एक लाख श्रमिकों के वारिसों को घर देने की योजना बनाई गई है। फनल जोन और डिफेंस जोन के कारण अटके पुनर्विकास कार्यों के लिए नई नीति लागू की गई है। महालक्ष्मी रेसकोर्स और कोस्टल रोड की भूमि पर 300 एकड़ का भव्य सेंट्रल पार्क विकसित किया जाएगा तथा प्रत्येक नगर निगम क्षेत्र में नमो गार्डन बनाए जाएंगे। वर्सोवा–भाईंदर 26 किलोमीटर कोस्टल रोड को मुंबई उच्च न्यायालय की मंजूरी मिल चुकी है। बीकेसी सहित पूरे एमएमआर क्षेत्र में पॉड टैक्सी शुरू की जा रही है। बीकेसी से रिक्लेमेशन होते हुए नए हवाई अड्डे तक भूमिगत सुरंग बनेगी और मुंबई व नवी मुंबई हवाई अड्डों को मेट्रो से जोड़ा जा रहा है, जिससे यातायात जाम कम होगा और शहर अधिक गतिशील बनेगा।
विदर्भ के सर्वांगीण विकास पर जोर देते हुए उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा कि बिजली उत्पादन, खनिज संपदा, कृषि, वन संपदा, पर्यटन, परिवहन और लॉजिस्टिक्स विदर्भ की सात प्रमुख ताकतें हैं। नक्सल प्रभावित गडचिरोली को देश के स्टील हब के रूप में विकसित किया जाएगा और मार्च 2026 तक नक्सलवाद समाप्त करने का संकल्प सरकार ने लिया है। दावोस में हुए समझौतों में से पांच लाख करोड़ रुपये के एमओयू केवल विदर्भ के लिए किए गए हैं, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन होगा। जिंदल ग्रुप जैसे बड़े उद्योग गडचिरोली में निवेश कर रहे हैं और अगले पांच वर्षों में यह क्षेत्र स्टील हब के रूप में उभरेगा। उन्होंने बताया कि अमरावती में चीन के बाद दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी फ्लाइंग अकादमी शुरू की जाएगी, जहां एयर इंडिया के साथ 25 हजार पायलटों के प्रशिक्षण का करार हुआ है। अमरावती का पीएम मित्रा पार्क दो लाख रोजगार और निर्यात के अवसर प्रदान करेगा, जबकि नांदगांव पेठ में टेक्सटाइल क्लस्टर के मेगा प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई है। समृद्धि महामार्ग का विस्तार भंडारा, गडचिरोली और गोंदिया तक किया जा रहा है और इस मार्ग पर इंडस्ट्रियल लॉजिस्टिक हब विकसित हो रहा है। वडसा–देसाईगंज–गडचिरोली रेलमार्ग को सुरजागढ़ तक बढ़ाया जा रहा है, जिससे आवागमन में बड़ा सुधार होगा। सिंचाई बैकलॉग को दूर करने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वैनगंगा–नलगंगा नदी जोड़ परियोजना से विदर्भ की 10 लाख हेक्टेयर भूमि को सिंचाई का लाभ मिलेगा। गोसीखुर्द परियोजना और पूर्व विदर्भ के मालगुजारी तालाबों की मरम्मत के लिए भी पर्याप्त निधि उपलब्ध कराई गई है। नागपुर को अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय और वित्तीय केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए हिंगणा तालुका में 1,710 एकड़ भूमि पर परियोजना शुरू की गई है। महाज्योति का मुख्यालय नागपुर स्थानांतरित किया जा रहा है और 100 एकड़ में स्किल डेवलपमेंट यूनिवर्सिटी की स्थापना की जाएगी। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि अतिवृष्टि से प्रभावित 1 करोड़ 13 लाख किसानों में से 91 लाख 10 हजार किसानों के खातों में अब तक 15,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि जमा की जा चुकी है। इस चर्चा में विधान परिषद के अनेक सदस्यों ने भाग लिया और सरकार की विकास योजनाओं पर अपने विचार रखे।

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