Wednesday, October 15, 2025
Google search engine
HomeCrimeवसई-विरार के पूर्व नगर आयुक्त अनिल पवार पर 169 करोड़ की रिश्वत...

वसई-विरार के पूर्व नगर आयुक्त अनिल पवार पर 169 करोड़ की रिश्वत का आरोप, ईडी की जांच में खुलासे

मुंबई। वसई-विरार के पूर्व नगर निगम आयुक्त अनिल पवार पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में सामने आया है कि पवार ने अपने कार्यकाल के दौरान बिल्डरों, डेवलपर्स और आर्किटेक्ट्स से मंजूरी दिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये की रिश्वत ली। नगर नियोजन विभाग के निलंबित उप निदेशक वाई. एस. रेड्डी ने ईडी को दिए बयान में बताया कि पवार ने पदभार संभालने के बाद से ही रिश्वत का तंत्र खड़ा कर दिया था। जब तक भुगतान नहीं किया जाता, तब तक किसी भी फाइल को मंजूरी नहीं दी जाती थी। रेड्डी ने यह भी खुलासा किया कि पवार ने उन पर दबाव बनाया कि वे जांच एजेंसियों के सामने उनका नाम न लें और सच्चाई को छिपाए रखें। ईडी की रिपोर्ट के अनुसार, पवार ने कुल 169.18 करोड़ रुपये की रिश्वत वसूली — जिसमें 16.59 करोड़ रुपये पहले से बने अवैध निर्माणों को “नज़रअंदाज़” करने के लिए और 152.59 करोड़ रुपये नए निर्माणों की अनुमति देने के लिए वसूले गए। ईडी ने हाल ही में 18 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत (चार्जशीट) दाखिल की है, जिसमें 300.92 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का अनुमान लगाया गया है। रेड्डी ने बताया कि पवार ने उन्हें निर्देश दिया था कि वे डेवलपर्स और आर्किटेक्ट्स से रिश्वत लेने के लिए संपर्क करें और नकद भुगतान की व्यवस्था करें। रेड्डी के अनुसार, पवार का एक कर्मचारी अंकित मिश्रा बिल्डरों से बातचीत कर रिश्वत की रकम का हिसाब रखता था। जांच में यह भी पता चला कि पवार हर शुक्रवार को रिश्वत की नकदी इकट्ठा कर सतारा, नासिक और पुणे ले जाता था। रेड्डी ने ईडी को शहरी क्षेत्र के 457 और हरित क्षेत्र के 129 मामलों की सूची भी दी, जिनमें पवार ने अवैध रूप से कार्य प्रारंभ प्रमाणपत्र जारी किए थे। ईडी का दावा है कि पवार ने अवैध कमाई को वैध दिखाने के लिए उसे गोदाम निर्माण और भूमि परियोजनाओं में

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments