
अहमदनगर। शनि शिंगणापुर देवस्थान ट्रस्ट के पूर्व ट्रस्टी और वर्तमान उप-कार्यकारी अधिकारी नितिन शेटे ने सोमवार तड़के अपने घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या की यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब ट्रस्ट में कथित भ्रष्टाचार की जांच को लेकर राज्य सरकार सक्रिय हो चुकी थी। शेटे की आत्महत्या ने जिले में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हड़कंप मचा दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, नितिन शेटे ने सुबह करीब 8 बजे अपने आवास पर छत से लटककर जान दे दी। घटना की सूचना मिलते ही शनि शिंगणापुर गांव और ट्रस्ट परिसर में अफरा-तफरी मच गई। पुलिस मौके पर पहुंची और शव को फंदे से नीचे उतार कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि आत्महत्या के पीछे के कारणों की पुष्टि के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट और अन्य सबूतों की जांच की जा रही है। गौरतलब है कि हाल के दिनों में शनि शिंगणापुर ट्रस्ट पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे। राज्य विधानसभा के मानसून सत्र में यह मुद्दा जोर-शोर से उठा था। ट्रस्ट पर 114 मुस्लिम कर्मचारियों की विवादास्पद नियुक्ति का आरोप लगा, जिसे लेकर सामाजिक और धार्मिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं। बाद में ट्रस्ट ने सभी कर्मचारियों को सेवा से हटा दिया। इसके अलावा, ट्रस्ट से जुड़े एक फर्जी मोबाइल ऐप के जरिए करोड़ों रुपये की वित्तीय अनियमितता और घोटाले की बात सामने आई थी। विधानसभा में मामला पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संज्ञान लेते हुए ट्रस्ट के पूरे न्यासी मंडल को भंग करने की घोषणा की थी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि ट्रस्ट से जुड़े सभी कर्मचारियों और पदाधिकारियों की संपत्ति की जांच की जाएगी और यदि आय से अधिक संपत्ति पाई गई तो उनके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए जाएंगे। नितिन शेटे की आत्महत्या को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है, क्योंकि वह ट्रस्ट के प्रमुख पदों पर रह चुके थे और उनके खिलाफ जांच शुरू होने ही वाली थी। उनकी मृत्यु ने पूरे मामले को और गंभीर बना दिया है। फिलहाल, पुलिस आत्महत्या के कारणों की पड़ताल कर रही है, और राज्य प्रशासन की नजर इस संवेदनशील मामले पर टिकी हुई है।