
मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने राज्य सरकार के बजट को लेकर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि बजट को देश की आर्थिक दिशा तय करनी चाहिए, लेकिन इसमें किसानों को कर्जमाफी की कोई घोषणा नहीं की गई, जबकि उन्हें इससे उम्मीद थी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “हर दिन महाराष्ट्र में सात किसान आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार केवल घोषणाएं कर रही है, लेकिन किसानों की असली समस्या पर ध्यान नहीं दिया जा रहा। किसानों को सोयाबीन मात्र 31 रुपये प्रति किलो बेचना पड़ रहा है। एक तरफ ‘विकसित भारत, विकसित महाराष्ट्र’ की बात की जा रही है, लेकिन सच्चाई यह है कि देश अमीर हो रहा है और लोग गरीब होते जा रहे हैं।”
महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति पर सवाल
पृथ्वीराज चव्हाण ने राज्य सरकार के आर्थिक दावों पर सवाल उठाते हुए कहा, “2017 तक एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने का लक्ष्य था, लेकिन यह केवल झूठे वादे साबित हो रहे हैं। पहले महाराष्ट्र आय के मामले में देश में सबसे आगे था, लेकिन अब गुजरात, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और हरियाणा जैसे राज्य आगे बढ़ गए हैं।” उन्होंने कहा कि बजट में केवल धन बढ़ाने की घोषणाओं से विकास नहीं होता, बल्कि धन का सही उपयोग होना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार केवल स्मारकों, सड़कों, महामार्गों और प्रतिमाओं की स्थापना में कमीशन लेने पर ध्यान दे रही है। सोमवार को पेश किए गए वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में 7,00,020 करोड़ रुपये का कुल प्रावधान किया गया। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने यह बजट पेश किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बजट जनता के लिए कोई ठोस राहत लेकर नहीं आया है और सिर्फ चुनावी वादों तक सीमित रह गया है।