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मुंबई। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में बैंक के पूर्व सीईओ अभिमन्यु भोअन (45) को गिरफ्तार कर लिया है। भोअन 2008 से बैंक से जुड़े थे और 2019 में उन्हें सीईओ बनाया गया था। यह घोटाला 2019 से चल रहा था, जिसमें अलग-अलग मौकों पर 50 लाख से 1.5 करोड़ रुपये तक की नकदी चोरी की गई। बैंक के तत्कालीन अधिकारी हितेश मेहता ने स्वयं वॉल्ट से नकदी निकाली और अन्य कर्मचारियों से भी ऐसा करने को कहा। 2017 में बैंक की कैश रिटेंशन लिमिट 20 करोड़ रुपये थी, लेकिन बिना लिमिट बढ़ाए नकदी 133 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। सितंबर 2024 में बैंक ने भोअन के कार्यकाल के विस्तार के लिए RBI से अनुमति मांगी, लेकिन RBI ने इनकार कर दिया। 6 फरवरी 2025 को बैंक ने उन्हें सीईओ पद से हटा दिया, जिसके बाद वह छुट्टी पर थे। मंगलवार को पूछताछ हुई और गुरुवार रात 11 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। फिलहाल उन्हें 28 फरवरी तक पुलिस हिरासत में भेजा गया है। पहले गिरफ्तार आरोपी हितेश मेहता और धर्मेश पौन की भी हिरासत 28 फरवरी तक बढ़ाई गई है। EOW अब यह जांच कर रही है कि इतनी नकदी गुप्त रूप से कैसे गायब होती रही और इसमें कौन-कौन शामिल था। इसके अलावा, पुलिस ने ऑडिटर अभिजीत देशमुख को भी पूछताछ के लिए बुलाया है, क्योंकि घोटाले के बावजूद बैंक के ऑडिट में गड़बड़ियां कैसे छिपी रहीं, यह एक बड़ा सवाल बना हुआ है।