
उल्हासनगर। पर्यावरणविद् और अधिवक्ता सरिता खानचंदानी की आत्महत्या मामले ने नया मोड़ ले लिया है। उनके सुसाइड नोट के आधार पर विट्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन में शिवसेना (यूबीटी) के कल्याण जिला अध्यक्ष धनंजय बोडारे सहित चार अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस उपायुक्त सचिन गोरे ने इसकी पुष्टि की। सरिता के पति, पुरुषोत्तम खानचंदानी ने मामले की जांच को लेकर स्थानीय पुलिस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी पत्नी को मानसिक रूप से परेशान कर आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया। जानकारी के अनुसार, सरिता पिछले छह सालों से जिया गोकलानी नामक महिला के संपर्क में थीं। घटना से एक रात पहले दोनों के बीच विवाद हुआ, जिसके बाद गोकलानी की शिकायत पर विट्ठलवाड़ी पुलिस स्टेशन में सरिता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। अगली सुबह, वह पुलिस स्टेशन गईं और मामले की जानकारी लेने के बाद घर लौटीं। कुछ ही समय बाद, उल्हासनगर पुलिस स्टेशन के पास स्थित आवासीय भवन की ऊपरी मंज़िल से कूदकर उन्होंने आत्महत्या कर ली। पुरुषोत्तम खानचंदानी ने जिया गोकलानी, उल्हास फाल्के, शिवसेना यूबीटी के जिला अध्यक्ष धनंजय बोडारे, शिवानी शुक्ला और एडवोकेट राज चांदवानी को आत्महत्या के लिए जिम्मेदार ठहराया। उनके अनुसार, सरिता ने आत्महत्या से पहले सुबह 11:25 बजे अपने कार्यालय में डायरी में कुछ लिखा था, जो बाद में एक सुसाइड नोट निकला। नोट में सरिता ने लिखा था। मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। मैंने किसी से पैसे नहीं लिए हैं। मैंने जिया गोकलानी के साथ कोई अन्याय नहीं किया है। मैंने किसी संगठन या नेता से एक रुपया भी नहीं लिया है। गोपलानी और उल्हास फाल्के मुझे झूठा फँसा रहे हैं। इन लोगों ने मुझे मानसिक रूप से इतना परेशान किया कि मेरे पास अपनी जान लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा। पुलिस ने नोट के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।