
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार इस वर्ष गणेशोत्सव पर ‘आनंदाचा शिधा’ योजना के तहत रियायती दर पर खाद्य किट नहीं बांटेगी। राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल ने मंगलवार को यह स्पष्ट किया कि यह निर्णय राज्य सरकार की ‘मुख्यमंत्री लाडकी बहन योजना’ के कारण उत्पन्न वित्तीय दबाव की वजह से लिया गया है। उन्होंने कहा कि जब कोई योजना सालाना 45,000 करोड़ रुपये की लागत से संचालित की जा रही हो, तो इसका अन्य कल्याणकारी योजनाओं पर असर होना स्वाभाविक है। पिछले दो वर्षों से ‘आनंदाचा शिधा’ योजना के तहत राज्य सरकार पात्र राशन कार्ड धारकों को गणेशोत्सव के अवसर पर लगभग 100 रुपये की रियायती कीमत पर चीनी, खाद्य तेल, रवा, पोहा और चना दाल जैसी सामग्री वाली एक विशेष त्योहारी किट उपलब्ध कराती रही है। इस योजना पर हर साल राज्य सरकार को करीब 350 से 400 करोड़ रुपये का खर्च आता है। भुजबल ने कहा कि अगर इस साल भी किट वितरित करनी होती, तो कम से कम तीन महीने पहले निविदा प्रक्रिया शुरू करनी पड़ती, जबकि अब गणेशोत्सव में महज एक महीना शेष रह गया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य की आर्थिक स्थिति में धीरे-धीरे सुधार आएगा और किसी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ‘लाडकी बहन योजना’ के तहत 21 से 60 वर्ष की उम्र की महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये नकद सहायता देने की घोषणा की गई है, जिसके कारण राज्य के बजट पर भारी बोझ पड़ा है। विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी वादों के चलते बनी वित्तीय प्राथमिकताओं ने अन्य कल्याणकारी योजनाओं की निरंतरता को प्रभावित किया है।