
मुंबई। मुंबई क्राइम ब्रांच और इमिग्रेशन अधिकारियों ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए मुंबई एयरपोर्ट पर फर्जी वीजा और पासपोर्ट रैकेट के मास्टरमाइंड रोशन भास्कर दुदवाडकर (50) को गिरफ्तार किया है। जांच में खुलासा हुआ है कि यह गिरोह अब तक करीब 80 लोगों को जाली दस्तावेजों के जरिए विदेश भेज चुका है और हर व्यक्ति से ₹30 से ₹50 लाख तक वसूले गए थे।
मुख्य आरोपी गिरफ्तार, दूसरा फरार
क्राइम ब्रांच के अनुसार, इस रैकेट में दुदवाडकर का मुख्य सहयोगी गुजरात निवासी राजेश पंचाल था, जो अभी भी फरार है। आरोपी के खिलाफ पहले ही लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया गया था, जिसके तहत 28 फरवरी को जैसे ही दुदवाडकर मुंबई एयरपोर्ट पहुंचा, इमिग्रेशन अधिकारियों ने उसे हिरासत में लेकर क्राइम ब्रांच को सौंप दिया।
कैसे करता था गिरोह फर्जीवाड़ा?
पूछताछ में दुदवाडकर ने कबूल किया कि पंचाल ऐसे भारतीय नागरिकों के लिए फर्जी पासपोर्ट और वीजा तैयार करता था, जो यूरोप, अमेरिका और खाड़ी देशों में अवैध रूप से प्रवेश करना चाहते थे। गिरोह समान उम्र और पहचान वाले व्यक्तियों के पासपोर्ट और वीजा की नकल कर नए दस्तावेज बनाता था। दुदवाडकर मुंबई एयरपोर्ट पर यात्रियों की मदद करता था और चेकपॉइंट्स पर उनके दस्तावेजों की जांच को पास कराने में सहायता करता था। सफलतापूर्वक विदेश भेजने के बाद दोनों आरोपी मोटी रकम आपस में बांट लेते थे।
अब तक 80 लोग विदेश भेजे
विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) की पूछताछ में पुष्टि हुई कि दुदवाडकर और पंचाल अब तक 80 से अधिक लोगों को जाली दस्तावेजों के सहारे विदेश भेज चुके हैं। गिरोह ने कनाडा, नीदरलैंड, तुर्की और पोलैंड जैसे देशों में अवैध यात्रा की सुविधा दी थी। मुंबई क्राइम ब्रांच इस बड़े आव्रजन धोखाधड़ी रैकेट में शामिल अन्य आरोपियों की तलाश कर रही है। फरार आरोपी राजेश पंचाल को पकड़ने के लिए पुलिस टीम सक्रिय रूप से प्रयास कर रही है।