पालघर। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे द्वारा लगातार दो दिनों तक चुनाव आयोग के अधिकारियों द्वारा उनके बैग की जांच किए जाने पर आपत्ति जताने का मामला अब महाराष्ट्र में राजनीतिक चर्चा का विषय बन गया है। बुधवार को इस मुद्दे को नया मोड़ तब मिला, जब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का एक वीडियो सामने आया, जिसमें पालघर में उनके बैग की जांच की जा रही थी। शिंदे इस प्रक्रिया के प्रति बेपरवाह दिखाई दिए और उन्होंने इसे सहजता से लिया, जो उद्धव ठाकरे के विरोध के ठीक विपरीत था। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री शिंदे के बैग की हेलिकॉप्टर में हुई इस जांच का वीडियो न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक्स पर साझा किया। दिलचस्प यह रहा कि एक ही दिन महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार के बैगों की भी जांच की गई और उन्होंने भी स्वेच्छा से अपना बैग जांच के लिए प्रस्तुत किया।
विवाद की पृष्ठभूमि
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब यवतमाल और लातूर में शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बैग की जांच की गई। उद्धव ने इसे लेकर चुनाव आयोग के अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनके बैग की जांच का क्या औचित्य है, और क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बैग की भी इसी तरह से जांच की जाती है। उद्धव ठाकरे ने इस घटना को राजनीतिक द्वेष का मामला बताया और चुनाव आयोग के इस कदम पर नाराजगी जताई।महायुति नेताओं का प्रतिक्रिया और रणनीति
उद्धव ठाकरे के विरोध के ठीक एक दिन बाद, देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने अपने बैगों की “स्वेच्छा से” जांच करवाने का वीडियो साझा किया। इस पर महायुति के नेताओं ने जोर देते हुए कहा कि वे चुनाव आयोग के प्रोटोकॉल का सम्मान करते हैं और बिना किसी आपत्ति के बैग जांच के लिए प्रस्तुत करने को तैयार हैं। अंत में सीएम शिंदे ने भी इसी प्रकार चुनाव आयोग के नियमों का पालन करते हुए अपने बैग की जांच करवाकर इस मुद्दे पर अपनी सहमति जताई।