Sunday, June 8, 2025
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चुनाव आयोग ने विकसित की उन्नत तकनीकी प्रणाली, इंडेक्स कार्ड और रिपोर्टिंग होगी अब और तेज़ व पारदर्शी

नई दिल्ली। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू तथा डॉ. विवेक जोशी की अध्यक्षता में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने चुनाव के पश्चात तैयार किए जाने वाले इंडेक्स कार्ड और अन्य विभिन्न सांख्यिकीय रिपोर्टों के लिए एक उन्नत, तकनीक-सक्षम प्रणाली विकसित की है। यह नई प्रणाली पुराने मैनुअल और बहु-स्तरीय प्रक्रिया की जगह लेती है, जिससे रिपोर्टिंग में समय की बचत और डेटा की त्वरित उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी।
क्या है इंडेक्स कार्ड?

इंडेक्स कार्ड एक गैर-वैधानिक चुनावोत्तर सांख्यिकीय रिपोर्टिंग प्रारूप है, जिसे आयोग ने शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, नीति-निर्माताओं, पत्रकारों और आम जनता को निर्वाचन संबंधी जानकारी अधिक सुलभ कराने के उद्देश्य से विकसित किया है। यह कार्ड निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर उम्मीदवारों, मतदाताओं, डाले गए वोट, मत प्रतिशत, लिंग आधारित मतदान रुझान, क्षेत्रीय विविधताएं और राजनीतिक दलों के प्रदर्शन जैसे विभिन्न पहलुओं पर डेटा प्रदान करता है। लोकसभा चुनावों के लिए इंडेक्स कार्ड लगभग 35 सांख्यिकीय रिपोर्टों और विधानसभा चुनावों के लिए 14 रिपोर्टों की आधारशिला बनता है। इन रिपोर्टों में मतदान केंद्रों की संख्या, मतदान प्रतिशत, महिला मतदाताओं की भागीदारी, राष्ट्रीय/राज्य स्तरीय और पंजीकृत अप्रत्याशित राजनीतिक दलों (RUPPs) का प्रदर्शन, विजयी उम्मीदवारों का विश्लेषण और क्षेत्रवार विस्तृत परिणाम शामिल होते हैं।
नवीन प्रणाली की विशेषताएं
नई प्रणाली ऑटोमेशन और डेटा इंटीग्रेशन पर आधारित है, जिससे रिपोर्टिंग में तेजी आती है। यह प्रणाली पुराने मैन्युअल तरीके की तुलना में अधिक सटीक और समयबद्ध है। पहले निर्वाचन अधिकारियों द्वारा भौतिक इंडेक्स कार्ड भरकर, उन्हें ऑनलाइन सिस्टम में मैन्युअली प्रविष्ट किया जाता था, जिससे आंकड़ों के प्रसार में देरी होती थी। अब इस प्रक्रिया को स्वचालित कर दिया गया है।
शैक्षणिक उपयोग के लिए
इन आंकड़ों का उपयोग केवल अनुसंधान और शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। इंडेक्स कार्ड से प्राप्त सभी आंकड़े द्वितीयक होते हैं, जबकि प्राथमिक और वैधानिक डेटा संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा तैयार की गई आधिकारिक रिपोर्टों में ही होता है।
लोकतांत्रिक विमर्श को मिलेगा बल
चुनाव आयोग की यह पहल न केवल पारदर्शिता को बढ़ावा देती है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करती है कि लोकतंत्र की बुनियादी प्रक्रिया मतदान और चुनाव परिणामों की जानकारी- जनता और शोधकर्ताओं के लिए सहज उपलब्ध हो सके। नई प्रणाली निर्वाचन प्रक्रिया में जनविश्वास को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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