
मुंबई। महाराष्ट्र में राजनीतिक तापमान उस समय चरम पर पहुंच गया जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा 2019 के विधानसभा चुनाव में “चुनावी धोखाधड़ी” के आरोपों के बाद विपक्षी दलों ने भाजपा पर खुला हमला बोल दिया। राहुल गांधी ने एक तीखे लेख में भारत की चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता पर सवाल उठाए, जिसके जवाब में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा प्रतिउत्तर दिए जाने से विवाद और गहरा गया है।
चुनाव आयोग से सवाल, जवाब फडणवीस क्यों दे रहे?
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा की प्रतिक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा, “राहुल गांधी ने चुनाव आयोग से सवाल किए थे। जवाब चुनाव आयोग की जगह फडणवीस क्यों दे रहे हैं? क्या वह आयोग के प्रवक्ता हैं?” उन्होंने भाजपा को “चुनावी हेराफेरी के मुख्य लाभार्थी” बताते हुए फडणवीस की प्रतिक्रिया को “हास्यास्पद और भ्रामक” करार दिया। सपकाल ने फडणवीस के पुराने बयानों की याद दिलाते हुए आरोप लगाया कि वे अतीत में अजीत पवार, नारायण राणे और छगन भुजबल के खिलाफ भ्रष्टाचार का हवाला देते थे, पर आज उन्हीं के साथ सत्ता साझा कर रहे हैं। “यह नैतिक दिवालियापन है।
“दाल में कुछ काला नहीं, पूरी दाल काली है”
सपकाल ने पूछा, “अगर छुपाने के लिए कुछ नहीं है तो पूरी चुनावी प्रक्रिया काली क्यों नजर आती है?” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने सीसीटीवी फुटेज, नियमों में बदलाव, मतदाता सूची की गड़बड़ियों और नतीजों में देरी को लेकर पाँच सवाल उठाए थे, जिनका जवाब चुनाव आयोग को देना चाहिए था न कि भाजपा को। उन्होंने चुनाव आयोग के अधिकारियों- मुख्य चुनाव अधिकारी एस. चोकलिंगम और पूर्व अतिरिक्त सीईओ किरण कुलकर्णी के नार्को टेस्ट की मांग करते हुए चुनावी सच्चाई सामने लाने पर जोर दिया।
रमेश चेन्निथला: “चुनावों को हाईजैक करने की पूर्व योजना”
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला ने 2019 के विधानसभा चुनाव को लोकतंत्र को हाईजैक करने का एक “पूर्व नियोजित ऑपरेशन” बताया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के लेख ने जनादेश के व्यवस्थित उल्लंघन को उजागर किया है। चेन्निथला ने हरियाणा के सीसीटीवी फुटेज के सार्वजनिक करने के चंडीगढ़ हाईकोर्ट के आदेश का उल्लेख किया जिसे नियम बदलकर निरस्त कर दिया गया। उन्होंने मतदान प्रतिशत की देर से घोषणा और अप्रत्याशित परिणामों को भी संदेह के घेरे में बताया।
संजय राउत: “25 सीटें भी नहीं जीतती भाजपा बिना जोड़-तोड़
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने कहा कि राहुल गांधी के आरोपों ने अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया है। उन्होंने कहा, भारत में लोकतंत्र खतरे में है और महाराष्ट्र चुनाव इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। राउत ने आरोप लगाया कि “भाजपा चुनाव आयोग समेत तमाम संवैधानिक संस्थाओं को अपने कब्जे में ले चुकी है। उन्होंने कल्याणकारी योजनाओं को भी “चुनावी धोखाधड़ी छुपाने का माध्यम” बताया और कहा, बिना जोड़-तोड़ के भाजपा महाराष्ट्र में 25 सीटें भी नहीं जीत सकती थी।