
मुंबई। राज्य के कई हिस्सों में हुई भारी बारिश और बाढ़ से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो, इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने परीक्षा शुल्क माफ करने का निर्णय लिया है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांतदादा पाटिल ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसी भी विद्यार्थी की शिक्षा दस्तावेज़ या शिक्षण सामग्री के नुकसान के कारण बाधित न हो। बुधवार को मंत्रालय में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के विद्यार्थियों की शैक्षणिक समस्याओं की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में मंत्री पाटिल ने शिक्षण संस्थानों से ‘सामाजिक उत्तरदायित्व’ के तहत विद्यार्थियों की सहायता के लिए आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय, विश्वविद्यालय और निजी शिक्षण संस्थान मिलकर प्रभावित विद्यार्थियों को नोटबुक, किताबें, यूनिफॉर्म और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराएँ ताकि आर्थिक संकट झेल रहे विद्यार्थियों को राहत मिल सके और उनकी पढ़ाई निर्बाध रूप से जारी रहे। बैठक में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. शैलेंद्र देवलंकर, तकनीकी शिक्षा निदेशक डॉ. विनोद मोहितकर, उप सचिव प्रताप लुबल, मुंबई विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. रवींद्र कुलकर्णी, सम-कुलपति प्रो. डॉ. अजय भामरे, राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों के प्राचार्य और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री पाटिल ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले में प्रभावित विद्यार्थियों की सूची तैयार की जाए और आवश्यक सहायता समय पर पहुँचाई जाए। उन्होंने कहा कि “शिक्षा किसी का अधिकार छीने बिना नहीं रुकनी चाहिए, और सरकार का उद्देश्य यही है कि हर विद्यार्थी कठिन परिस्थिति में भी आगे बढ़ सके।



