
मोदी का डंका सारे विश्व में बज रहा है ऐसा भाजपा नेता, जरखरीद, रीढ़ हीन, मलिन आत्मा गोदी मीडिया, आईटी सेल और अंधभक्त प्रचारित करते रहते हैं लेकिन ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने हिंदू पुजारियों को ब्रिटेन में प्रवेश बंद कर दिए हैं। वे जानते हैं कि ये हिंदू पुजारी, पुजारी नहीं चरण लोट लोग हैं जिनमें पांडित्य कत्तई नहीं है। राममंदिर का गुब्बारा दो दिनों में ही फूट गया कारण शास्त्र और शंकराचार्यों की उपेक्षा। मोदी के रामराज्य में तमाम भ्रष्ट पापी नेता जिन्हें मोदी और शाह महाभ्रष्ट कहते नहीं थकते थे। उनमें हेमंता विश्व सरमा, एकनाथ शिंदे एंड कंपनी,अजीत पवार,प्रफुल्ल पटेल,छगन भुजबल, ज्योतिरादित्य सिंधिया, हार्दिक पटेल, कैप्टन अमरिंदर सिंह जैसे लोग मोदी शरणं गच्छामि करने लगे तो उन्हें वाशिंग मशीन में धोकर बेहद ईमानदार होने का सर्टिफिकेट देकर खुद को अजामल,गणिका को तारने वाले, वीएचपी के नेता द्वारा विष्णु अवतार बने मोदी के रामराज्य में अभयदान दे दिया गया। कितना महान कार्य किया है? जिसके लिए अब नोबल पुरस्कार के लिए नामांकित करने की खबर है यानी विश्वगुरू को भी अब अंतरराष्ट्रीय बिरादरी द्वारा सर्टिफिकेट लेने की जरूरत आ पड़ी है। क्या यह रामराज्य नहीं है? रामराज्य आने के अन्यान्य प्रमाण हैं। स्मरण होगा जिन भारत की बेटियों द्वारा ओलंपिक कुश्ती में पदक लाए गए थे, उन्हें स्वयं मोदी ने आदर सम्मान देकर देशवासियों को अभिभूत कर दिया था। रामराज्य का दूसरा प्रमाण जब महिला पहलवानों ने अपने शारीरिक शोषण करने का बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप लगाते हुए मोदी से न्याय की गुहार लगाई थी। तब दिल्ली पुलिस द्वारा महिला सम्मान करते हुए उन्हें सड़कों पर घसीटा गया। जंतर मंतर के शौचालय खत्म कर दिए गए। बिजली पानी के कनेक्शन काट डाले गए। उनकी फरियाद अनसुनी कर अपराधी बाहुबली सांसद को अभयदान दे दिया गया। यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्रा देवता वाले देश में मोदी के रामराज्य में नारी सम्मान करने का अतुलनीय उदाहरण विश्व के किसी भी देश में नहीं मिलेगा। क्या यह मोदी का रामराज्य नहीं है? किसान संविधान द्वारा प्रदत्त धरना प्रदर्शन शांति पूर्वक करने के लिए दिल्ली आ रहे थे लेकिन सड़कों पर बैरीकेट लगा दिए गए। बड़े बड़े पाषाण खंड सड़कों पर डाले गए। मोटी मोटी लौह कीलें सीमेंट द्वारा सड़क पर स्थिर कर दिए गए। आकाश से पुष्पक विमान जिन्हें गलती से ड्रोन कहा जा रहा है पुष्प रूपी अश्रु गैस के गोले बरसा कर किसानों का भव्य स्वागत, आतिथ्य सत्कार किया गया, निहत्थे किसानों पर बेरहमी से लाठियां भांजी गईं क्या यह मोदी का रामराज्य नहीं है? आईटी, सीबीआई, ईडी जांच एजेंसियां हमेशा ईमानदारों के यहां छापे डालकर नोटों का अंबार पकड़ती थीं। उसी ईडी के अफसर खुलेआम घूस लेने में पकड़े गए उन्हें अभयदान देना ही तो मोदी का रामराज्य कहा जाएगा। चुनाव आयोग जिसकी जिम्मेदारी निष्पक्ष चुनाव कराना है को सापेक्ष और पक्षपाती बनाकर चुनाव जीतने की गारंटी लेते हुए अब की बार चार सौ के पार का दावा किया गया। ईवीएम का जितना सम्मान और आदर मोदी के रामराज्य में किया गया उतना और किसी देश में हुआ हो तो बताइएगा। मोदी के रामराज्य में स्पीकर और राज्यसभा के अध्यक्ष उपराष्ट्रपति को बीजेपी के पक्ष में निर्णय देकर पक्षपात करने की विवशता कितनी अदभुत है। है न?? यहां तक कि महामहिम राष्ट्रपति को भी अपनी पेंशन और रिटायरमेंट के बाद राजसी सुविधाओं का मोह उन्हें भी निष्पक्ष के स्थान पर मूक दर्शक बनाना रामराज्य ही तो है मोदी का रामराज्य। भला मोदी के रामराज्य में कोई भी कोर्ट राजा के खिलाफ कोई निर्णय लिखे, फैसला करे क्या मजाल है? राजा या उसके लोगों के खिलाफ बोलने, लिखने, आंखों में आंखें डालकर सवाल पूछने वाले सांसदों का थोक में निलंबन, किसी की मजाल जो राजा या उसके सिस्टम पर उंगली उठाने की हिमाकत कर सके। राजा का कथन ही कानून, निर्णय ही सर्वोपरि हो यही तो मोदी का रामराज्य है। जो लोग मोदी को तानाशाह और क्रूर शासक कहते हैं नीरा मूर्ख हैं वे। अरे भाई अपने देश में राजा को भगवान कहा जाता है। भगवान भी गलती कर सकता है। ऐसी सोच रखने वालों को जेल भेजना ही तो मोदी का रामराज्य है। क्या यह मोदी का रामराज्य नहीं जिसमें पुलिस का सबसे बड़ा अधिकारी किसानों को हुक्म सुनाता हो कि रैली में जो भी किसान हिस्सा लेने गया तो उसके ट्रेक्टर,पासपोर्ट जब्त कर लिए जाएंगे। सरकार द्वारा किसी भी प्रकार की सुविधा नहीं दी जाएगी