
मोदी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग के नाम पर भ्रष्टाचार फैलाने में लगी हुई है। विधायकों की खरीद ,पार्टी तोड़ने की हो या इलेक्टोरल बॉन्ड से काला धन वसूली की बात हो, बीजेपी ने पिछले दस वर्षों में रिकॉर्ड बना लिया है। विपक्षी भ्रष्ट नेताओं को पार्टी में शामिल कराकर बीजेपी ने सिद्ध कर दिया कि बीजेपी पार्टी पूरी तरह से महाभ्रष्ट पार्टी बन चुकी है। कैग रिपोर्ट भी यही कहती है। भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा प्रमाण मोदी के मित्र गौतम अडानी के खिलाफ अमेरिकी अदालत से गिरफ्तारी वारंट जारी होना लेकिन मोदी ने अपने मित्र अडानी और भ्रष्टाचार में अडानी की सहायिका बुच जो सेबी प्रमुख हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ काम करने वाली ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार भारत ने निराशाजनक प्रदर्शन भ्रष्टाचार खत्म करने में किया है। 180 देशों में भारत 96 पायदान पर खड़ा हुआ है 2024 में जो 2023 में 93 वे पायदान पर था। तीन अंक नीचे गिरा है।पिछले एक दशक में भारत में भ्रष्टाचार चार गुना बढ़ा है। यही मोदी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है। बेरोजगारी, मंहगाई, कुपोषण, भूखमरी, विकास और प्रेस स्वातंत्र्य में फिसड्डी देश बन चुका है भारत। हां कर्ज लेने में भी मोदी सरकार ने दुनिया में अपना पताका फहरा दिया है। भ्रष्ट देश में भ्रष्ट तरीके से अमेरिका में घुसने वाले भारतीयों की संख्या सात लाख से ऊपर जा चुकी है जिन्होंने एजेंसी को बीस से तीस लाख रूपये घूस दिए और एजेंसी ने डंकी रूट से अमेरिका पहुंचा दिया। जिन्हें अमेरिका के प्रेसिडेंट ट्रंप जो मोदी के कथित खास मित्र हैं, ने 104 लोगों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां डालकर भारत में लाकर पटक दिया। कोलंबिया और ब्राजील की सरकारों के जमीर मरे नहीं थे इसलिए उन्होंने अमेरिकी विमानों को अपने यहां उतरने नहीं दिया बल्कि अपने विमान भेजकर अपने लोगों को अमेरिका से बाइज्जत स्वदेश लाया लेकिन मोदी सरकार को भारत के अपमान की तनिक भी चिंता नहीं रही अन्यथा ट्रंप के निर्णय का एकमात्र स्वागत करने वाले मोदी कम से कम अपने विमान भेजकर भारतीयों को बिना बदनाम किए वापस ला सकते थे। परिणाम दुनिया के सामने है कि भारतीयों को कितनी बेरहमी से बेड़ियों और हथकड़ियों में जकड़कर भारत में ला पटका गया। इससे बड़ी बदनामी यूरोप और कनाडा के नेताओ ने मोदी के हाथ बढ़ाने पर भी हाथ नहीं बढ़ाया और उपेक्षा करते हुए आगे बढ़कर दूसरे राष्ट्र प्रमुखों से हाथ मिलाया जिसे देखकर हर स्वाभिमान भारतीय का सिर शर्म से झुक गया। इसके पहले ट्रंप ने अपने शपथ ग्रहण में भी नहीं बुलाया लेकिन मोदी इतने उतावले थे कि बिन बुलाए अमेरिका जा पहुंचे। इतिहास गवाह है कि किस तरह भारत के दूसरे प्रधानमंत्रियों नेहरू इंदिरा राजीव गांधी और मनमोहन सिंह के स्वागत उसी अमेरिका ने कितनी गर्मजोशी से किया था। अमेरिकी पूर्व राष्ट्रपति ने डॉ मनमोहन सिंह और उनके पूर्व वर्ती प्रधानमंत्रियों के संबंध में कहा था, भारत जब बोलता है तो सारी दुनिया सुनती है लेकिन आज अमेरिका ब्रिक्स देशों को नई करेंसी लाने के नाम पर धमकाता है तो पीएम पीछे हट जाते हैं। ऐसा इसलिए है कि मोदी शाह का दिमाग सिर्फ और सिर्फ चुनाव जीतने में लगा रहता है। चाहे भ्रष्ट चुनाव आयोग द्वारा अनैतिक तरीके से ही कभी ई वी एम में गड़बड़ी कर या फिर फर्जी तरीके से पड़े वोटों से अधिक मतगणना कराकर करे या लाखों फर्जी वोट बढ़ाकर। महाराष्ट्र में छः बजे के बाद 96 लाख वोट पड़ने की पर्ची तक नहीं दिए जाने पर बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर चुनाव निरास्त करने की मांग की गई है। चुनाव आयोग के पास कोर्ट के किसी भी सवाल का जवाब नहीं है। इसके पूर्व जब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को सीसीटीवी के फुटेज और सारे कागजात देने का आदेश पारित किया तो चुनाव आयोग ने अभी तक मुहैय्या नहीं कराए।देश में दाल में काला नहीं चुनाव आयोग की समूची दाल ही काली है। बीजेपी सरकार को धर्म के नाम पर कुराजनीति बहुत सुहाती है इसलिए समय समय पर धर्म के नाम पर हिंदू वोटों को अपने पाले में लाने के लिए कभी राम मंदिर तो कभी महाकुंभ के नाम पर जनता को अपने पाप धोने और मोक्ष पाने के झूठ का प्रचार प्रसार करते हुए चालीस करोड़ कथित मूर्ख श्रद्धुओ के आने की घोषणा करती है। वीवीआईपी कल्चर हमारे देश में अब डराने लगा है। हमें स्मरण है तब नारायण दत्त तिवारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हुआ करते थे। वीवीआईपी स्नान पर उन्होंने रोक लगा दी थी। कहा था वीवीआईपी सामान्य श्रद्धालुओं की तरह स्नान कर अपने पाप गंगा में धोएं लेकिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इतनी भी हिम्मत नहीं थी जो तिवारी की तरह कोई आदेश दे सकें। नतीजा दुनिया के सामने है। वीवीआईपी के प्रोटोकॉल के लिए समूचा प्रशासन लगा रहा। सभी पांटून ब्रिज ही नहीं संगम तक जाने के दो दर्जन मार्ग बंद कर दिए गए। साथ ही करोड़ों लोगों को दो तीन घंटे के लिए रोक दिया गया।जनता पीछे बढ़ती गई नतीजा तीन जगह भगदड़ मची और सैकड़ों नहीं हजारों मर गए कुचलकर जिसमें गाजीपुर के पुलिस अधिकारी राय का भी नाम शुमार है लेकिन उतर प्रदेश सरकार और मेला प्रशासन भगदड़ मानने को ही तैयार नहीं। सैकड़ों मील दूर तक गाड़ियां ही गाड़ियां खड़ी रह गईं। अव्यवस्था का आलम यह कि दस किलो मीटर पैदल चलने को बाध्य हुए लोग।बिहार में ए सी क्लास की खिड़की लाठी से तोड़ी गई और रेल यात्रियों को लाठियां मारी गईं। रेलमंत्री सोते रहे।
वेद, उपनिषद, आरण्यक, पुराणों, गीता, रामायण और यहां तक कि महाभारत में भी कुंभ महाकुंभ का कोई जिक्र नहीं हैं। शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के अनुसार जब उनके गुरू 2000 में आए थे तब कहा गया कि 144 वर्षों बाद महाकुंभ लगा है। 2013 में भी 144 साल बाद महाकुंभ लगने का प्रचार किया गया था और अब 2025 में भी सरकार खुद 144 साल बाद महाकुंभ लगने का प्रचार किया जा रहा था। शंकराचार्य ने भविष्य वाणी करते हुए कहा है कि 2037 में भी प्रचारित किया जाएगा कि 144 साल बाद महाकुंभ लगा है। महाकुंभ लगने की बात पर कहा जाता है पौराणिक मान्यता है जो कहीं किसी भी ग्रंथ में नहीं लिखा है। अर्थात हिंदू मतों को अपने पाले में लाने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है।
साफ है कि बीजेपी सरकारों धर्म का दुरुपयोग कर रही हैं ताकि उसे सत्ता मिल सके। इसीलिए हर मस्जिद मजार के नीचे मंदिर ढूंढने के नए नए बहाने ढूंढकर मस्जिदें बुलडोजर से गिराई जा रही हैं। शंकराचार्य ने इसकी तीखी आलोचना करते हुए आरोप लगाए हैं कि मुसलमान देश में अराजकता नहीं फैला रहे बीजेपी और आरएसएस नफरत फैला रहे हैं। दरअसल यह सब भारतीय संविधान और लोकतंत्र के खात्मे के लिए एक पार्टी का शासन की व्यवस्था करना ही इनका लक्ष्य है। भले ही देश में गृह युद्ध छिड़ जाए। अगर गृह युद्ध छिड़ता है तो आम जनता चाहे हिंदू हों या मुस्लिम ही मारे जाएंगे क्योंकि यही धर्म के नाम पर कट्टर बनाए जा रहे। कांवड़ उठाना हो या फिर कल्पित रूप से गंगा स्नान कर अपने पाप धोने और मोक्ष पाने किए समस्याएं झेल रहे।सरकार द्वारा हेलीकॉप्टर से फूल बरसाए जाने को अपना अहो भाग्य मानने का भ्रम पाले हुए सच समझ नहीं पा रहे कि ये फूल कथित महाकुंभ की भगदड़ में मरे आम जनों का अपमान किया जाना है। नेताओं के बच्चे तो विदेशों में शिक्षा पा रहे। विदेशों से कांवड़ उठाने और महाकुंभ नहाने नहीं आयेंगे और न गृहयुद्ध की स्थिति में ही उन पर कोई आंच आयेगी। इसीलिए सरकारी स्कूल बंद कर रही भाजपा सरकारें ताकि देशवासियों को अनपढ़ गुलाम बनाए रखकर धर्म के नाम पर वोट लेकर सत्तासुख लेते रहें। इसलिए तो 80 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से नीचे रखने की साजिश करते हुए पांच किलो मुफ्त राशन और रेवड़ियां बांटने की घोषणा की जाती हैं। जागो जनता जागो। उठो और अपने अधिकारों शिक्षा, सुविधा, रोजगार और संरक्षण की मांग करो।