
मुंबई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को अंडमान और निकोबार राज्य सहकारी बैंक (ANSCB) में कथित 200 करोड़ रुपए के ऋण घोटाले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत केंद्र शासित अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में पहली बार तलाशी अभियान चलाया। यह मामला पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता कुलदीप राय शर्मा से जुड़ा है, जो जांच के दौरान बैंक के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यरत थे। ईडी ने 31 जुलाई को पोर्ट ब्लेयर और उसके आसपास के नौ स्थानों और कोलकाता में दो परिसरों सहित कुल 11 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। पोर्ट ब्लेयर में की गई कार्रवाई के दौरान एजेंसी को ऐसे कई दस्तावेज मिले, जो बैंक द्वारा ऋण और ओवरड्राफ्ट सुविधा प्रदान करने में गंभीर अनियमितताओं की ओर इशारा करते हैं। एजेंसी ने कहा कि कई फर्जी कंपनियों और फर्मों को बैंक की निर्धारित प्रक्रियाओं और दिशानिर्देशों की पूरी तरह अनदेखी करते हुए ऋण दिए गए। ईडी की यह जांच अंडमान-निकोबार पुलिस की अपराध और आर्थिक अपराध शाखा द्वारा कई निजी व्यक्तियों और बैंक अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी पर आधारित है। ईडी के अनुसार, इस घोटाले की योजना एक संगठित तरीके से बनाई गई थी, जिसमें 15 संदिग्ध संस्थाएं/कंपनियां बनाई गईं, जिन्हें बैंक से धोखाधड़ी के जरिए 200 करोड़ रुपये से अधिक की ऋण सुविधाएं प्राप्त हुईं। तलाशी के दौरान मिले साक्ष्यों से यह भी सामने आया है कि ऋण का एक बड़ा हिस्सा नकद में निकाला गया और कुलदीप राय शर्मा सहित कुछ लाभार्थियों तक पहुँचाया गया। ईडी इस बात की गहन पड़ताल कर रही है कि इस धन का अंतिम उपयोग किस रूप में किया गया, और किस स्तर तक राजनीतिक प्रभाव और बैंकिंग तंत्र का दुरुपयोग हुआ। पूर्व सांसद शर्मा ने 2019 से 2024 तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह से कांग्रेस के सांसद के रूप में कार्य किया और उन्हीं वर्षों के दौरान वह बैंक के उपाध्यक्ष भी थे, जब कथित अनियमितताएं सामने आईं। इस मामले में आगे की पूछताछ और जब्ती की कार्रवाई जारी है। ईडी की यह छापेमारी अंडमान में एजेंसी की पहली बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है, जिससे पूरे मामले की गंभीरता का संकेत मिलता है।