
पुणे। रामोशी-बेडर समाज को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राज्य सरकार ने राजे उमाजी नाईक आर्थिक विकास महामंडल के माध्यम से 2 लाख रुपए तक का बिना जमानत ऋण तथा समाज में उद्यमिता और व्यवसाय को बढ़ावा देने हेतु 15 लाख रुपए तक का ऋण उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने आश्वासन दिया कि समाज के विकास के लिए सरकार हर संभव सहयोग जारी रखेगी। यह घोषणा उन्होंने पुरंदर तालुका के भिवडी में आयोजित आद्यक्रांतिवीर राजे उमाजी नाईक की 234वीं जयंती समारोह के अवसर पर की। कार्यक्रम में लोकनिर्माण मंत्री शिवेंद्रराजे भोसले, विधायक विजय शिवतारे, गोपीचंद पडळकर, राहुल कुल, विक्रम पाचपुते, पूर्व सांसद रंजीतसिंह निंबाळकर, पूर्व विधायक संजय जगताप सहित अनेक मान्यवर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा- राजे उमाजी नाईक इंग्लिश शासन के विरुद्ध पहली चिंगारी जलाने वाले सच्चे क्रांतिकारी थे। उन्होंने ‘गनिमी कावा’ के माध्यम से अंग्रेजों को सबक सिखाया। उनकी शौर्य परंपरा आज भी जीवित है और सरकार उन्हें विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए दृढ़ संकल्पित है। सरकार ने पुलिस भर्ती के लिए विशेष योजना, तथा महाज्योति और सारथी के माध्यम से शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने ओबीसी मंत्रालय, महाज्योति और विभिन्न महामंडल स्थापित किए हैं, विदेश छात्रवृत्ति, 42 छात्रावास और विभिन्न प्रशिक्षण योजनाएँ शुरू की गई हैं।उमाजी नाईक के योगदान का सम्मान
उमाजी नाईक के अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष को याद करते हुए फडणवीस ने कहा कि अंग्रेजों ने उन्हें पकड़ने के लिए 10,000 रुपए का इनाम रखा था और उनकी वीरता से भयभीत होकर समाज पर अपराधी होने का ठप्पा लगाया गया, जिसे स्वतंत्रता के पाँच वर्ष बाद हटाया गया। कार्यक्रम में पूर्व मंत्री स्व. गिरीश बापट, पूर्व विधायक स्व. बाबुराव पाचर्णे, स्व.रामभाऊ जाधव और स्व. सुनील चव्हाण को मरणोत्तर जीवनगौरव पुरस्कार, जबकि बाबुराव जमादार, छगन जाधव और बाबुराव चव्हाण को जीवनगौरव पुरस्कार प्रदान किए गए। कार्यक्रम से पूर्व मुख्यमंत्री ने राजे उमाजी नाईक स्मृति स्थल पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और राजे उमाजी नाईक आर्थिक विकास महामंडल के कक्ष का दौरा किया।