
मुंबई। निदेशालय राजस्व खुफिया (डीआरआई) ने एक विशिष्ट खुफिया सूचना के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय निर्यात घोटाले का भंडाफोड़ किया है। यह सिंडिकेट आईसीडी तालेगांव (पुणे) से कई डमी आयात-निर्यात कोड (आईईसी) का इस्तेमाल कर अफ्रीकी देशों में गलत घोषित और अत्यधिक अधिमूल्यित कपड़ों का निर्यात कर रहा था। इस अवैध कारोबार के जरिये ड्रॉबैक और RoSCTL (Rebate of State & Central Taxes and Levies) लाभ धोखाधड़ी से हासिल किए जा रहे थे। डीआरआई अधिकारियों ने दो संदिग्ध माल की खेप को रोककर जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि निम्न गुणवत्ता के कपड़े अत्यधिक बढ़ी हुई कीमतों पर निर्यात किए जा रहे थे। मुंबई में आठ ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई। प्रारंभिक जांच से पता चला कि 14 आईईसी फर्जी व्यक्तियों के नाम पर जारी किए गए थे और उनका वास्तविक अस्तित्व नहीं था। सिंडिकेट का मास्टरमाइंड मुंबई में बैठकर सभी निर्यात दस्तावेज और चालान तैयार करता था। अपने स्वैच्छिक बयान में उसने स्वीकार किया कि उसने स्थानीय बाजारों (मुंबई, कोलकाता और अन्य शहरों) से बिना इनवॉइस या ई-वे बिल के घटिया कपड़े खरीदे और उन्हें पाँच से छह गुना अधिक कीमत पर निर्यात किया। इस घोटाले के जरिये लगभग 18.74 करोड़ रुपये का ड्रॉबैक और लगभग 96 करोड़ रुपये का RoSCTL लाभ हड़पा गया। मास्टरमाइंड को उसके सहयोगी कस्टम ब्रोकर सहित गिरफ्तार कर लिया गया है, जो कमीशन लेकर ऐसे निर्यात की प्रोसेसिंग करता था। फिलहाल, मामले की विस्तृत जांच जारी है।