
झांसी, उत्तर प्रदेश। रक्षाबंधन का पर्व संघर्ष सेवा समिति कार्यालय में एक भावुक और प्रेरणादायक माहौल में मनाया गया। यहां सुबह से ही अभावग्रस्त बहनों का तांता लगना शुरू हो गया था, जो अपने हर सुख-दुख में सहारा बनने वाले समिति के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. संदीप सरावगी की कलाई पर राखी बांधने पहुंचीं। जैसे-जैसे समय बीतता गया, पूरा कार्यालय बहनों से भर गया, जिनमें कई ऐसी थीं जिनके सिर पर पिता का साया नहीं था या जो जीवन-यापन के लिए संघर्ष कर रही थीं। इनमें वे बहनें भी शामिल थीं, जिनके कठिन समय में डॉ. सरावगी ने बड़े भाई की तरह आगे बढ़कर सहायता की थी। इस अवसर पर प्रजापिता ब्रह्मकुमारी आश्रम से आई ब्रह्म कुमारियों ने भी राखी बांधकर शुभकामनाएं दीं। सभी बहनों ने परंपरा के अनुसार डॉ. संदीप के ललाट पर तिलक किया और उनके दीर्घायु एवं प्रगति की कामना करते हुए रक्षा का वचन लिया। डॉ. संदीप सरावगी ने भी अपनी बहनों को स्नेहपूर्वक उपहार भेंट किए और कहा कि रक्षाबंधन भाई-बहन के निस्वार्थ प्रेम और अटूट बंधन का प्रतीक है। उन्होंने सभी भाइयों से आह्वान किया कि वे अपनी बहनों से किए गए वचन को हर परिस्थिति में निभाएं और उनके लिए हमेशा एक सशक्त रक्षा कवच बनकर खड़े रहें। उन्होंने कहा कि स्वार्थ से भरे इस युग में भाई-बहन का रिश्ता सबसे पवित्र है, जिसमें प्रेम, भावनाएं और त्याग समाहित हैं। इस अवसर पर डॉ. संदीप की धर्मपत्नी श्रीमती सपना सरावगी भी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में प्रियंका साहू, छाया, संजना, कौशल्या, मोहम्मद इंदिरा, नेहा, शबाना शेख, लक्ष्मी, अनीता, संगीता, रानू, अंजुम, मीना मसीह, सुमन वर्मा, कुसुम साहू, बीके रितु, नेहा बघेल सहित सैकड़ों बहनें शामिल हुईं और रक्षाबंधन के इस पर्व को यादगार बना दिया।