
देवेश प्रताप सिंह राठौर
नई दिल्ली। संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉ. संदीप सरावगी, जिन्होंने असहाय वर्ग को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने की विचारधारा के साथ समाजसेवा की शुरुआत की थी, को उनके उल्लेखनीय कार्यों के लिए देश-विदेश में सैकड़ों पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इसी कड़ी में दिल्ली स्थित द अशोक होटल, चाणक्यपुरी में आयोजित राष्ट्रीय सम्मान समारोह में डॉ. संदीप को भारत गौरव रत्न श्री सम्मान अवार्ड से विभूषित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व राज्यपाल (असम, नागालैंड, मिजोरम) जगदीश मुखी, दिल्ली विधानसभा सदस्य चंदन कुमार चौधरी, बॉलीवुड अभिनेत्री नुशरत भरुचा, निजाम फैमिली वेलफेयर संगठन अध्यक्ष नजफ अली खान, द रिपब्लिक ऑफ पलाऊ टू इंडिया के पदाधिकारी नीरज शर्मा, वेनेजुएला की राजदूत कैपया रोड्रिगेज गोंजालेज, मालदीव की उच्चायुक्त ऐशथ अज़ीमा, इराक से नजर मिरजन अल असदी, रवांडा की उच्चायुक्त मुंकागिरा जैकलीन, तिमोर-लेस्टे के राजदूत कार्लिटो नन्स और बोस्निया-हर्जेगोविना के सचिव आर्मिन मेसिनोविक उपस्थित रहे।
भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स द्वारा मान्यता प्राप्त इस राष्ट्रीय स्तर के समारोह में इस वर्ष कुल 40 प्रभावशाली व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया। डॉ. संदीप को वर्ल्ड ह्यूमन राइट प्रोटेक्शन कमीशन के नेशनल वॉइस प्रेसिडेंट के पद पर भी नियुक्त किया गया।
डॉ. संदीप ने कहा, “समाजसेवा किसी एक व्यक्ति के बस की बात नहीं, इसके लिए एक सशक्त संगठन और सहयोगियों की आवश्यकता होती है। यदि आपके सामने कोई असहाय व्यक्ति सहायता का अनुरोध करता है और आप मदद का हाथ बढ़ाते हैं, तो यह आपके अंदर की मानवता को दर्शाता है। हमें असहायों और पीड़ितों की यथासंभव सहायता करनी चाहिए—यही मानव धर्म है। उन्होंने यह सम्मान संघर्ष सेवा समिति के सभी पदाधिकारियों और सदस्यों को समर्पित करते हुए देशवासियों से समाज के उत्थान के लिए जुड़ने की अपील की।