
अयोध्या, उत्तर प्रदेश। राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार, संत नेता और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का निधन हो गया। उन्होंने मध्य प्रदेश के रीवा में इलाज के दौरान अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर मिलते ही अयोध्या सहित पूरे संत समाज और राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई। जानकारी के अनुसार, डॉ. वेदांती हाल ही में मध्य प्रदेश के रीवा दौरे पर थे। इसी दौरान उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया। उपचार के दौरान सोमवार दोपहर उनका निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर शीघ्र ही अयोध्या लाया जाएगा, जहां अंतिम दर्शन के उपरांत उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस दौरान बड़ी संख्या में संतों, अनुयायियों और राजनीतिक नेताओं के पहुंचने की संभावना है। डॉ. रामविलास दास वेदांती का जन्म 7 अक्टूबर 1958 को मध्य प्रदेश के रीवा जिले के गुढ़वा गांव में हुआ था। उन्होंने धार्मिक जीवन के साथ-साथ सक्रिय राजनीतिक भूमिका भी निभाई। वे 12वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ से भारतीय जनता पार्टी के सांसद चुने गए थे। इससे पहले वर्ष 1996 में वे मछलीशहर लोकसभा सीट से भी सांसद रह चुके थे। राम जन्मभूमि आंदोलन को जन-जन तक पहुंचाने में डॉ. वेदांती की अहम भूमिका रही। सांसद रहते हुए उन्होंने संसद के भीतर और सड़कों पर आंदोलन के माध्यम से राम मंदिर निर्माण की आवाज बुलंद की। 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचे के विध्वंस से जुड़े मामले में जिन नेताओं पर मुकदमा चला, उनमें उनका नाम भी शामिल था, हालांकि बाद में सीबीआई की विशेष अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया था। डॉ. वेदांती केवल एक राजनेता ही नहीं, बल्कि धर्म और संस्कृति के प्रखर प्रहरी के रूप में भी पहचाने जाते थे। उनका संपूर्ण जीवन राम जन्मभूमि आंदोलन और समाज सेवा को समर्पित रहा। उन्होंने अपने विचारों और नेतृत्व से समाज के अनेक वर्गों को प्रेरित किया। उनका निधन राम मंदिर आंदोलन और संत समाज के लिए अपूरणीय क्षति माना जा रहा है। हालांकि उनके द्वारा किए गए कार्य और राष्ट्र व संस्कृति के प्रति उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा।




