
मुंबई। महाराष्ट्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप त्रिभाषी नीति तय करने के लिए गठित समिति के अध्यक्ष डॉ. नरेंद्र जाधव ने बुधवार को कहा कि राज्य के एक लाख आठ हजार स्कूलों में पढ़ने वाले दो करोड़ 12 लाख छात्रों के हित में सर्वोत्तम रिपोर्ट तैयार करने का प्रयास किया जाएगा। मंत्रालय में समिति की पहली बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने जनता की चिंताओं को प्राथमिकता देने का आश्वासन दिया। बैठक में महाराष्ट्र प्राथमिक शिक्षा परिषद के राज्य परियोजना निदेशक संजय यादव, स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव तुषार महाजन और राज्य परियोजना समन्वयक गोविंद कांबले सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे। डॉ. जाधव ने बताया कि अगले 15 दिनों में त्रिभाषा सूत्र पर सुझाव लेने के लिए एक विशेष वेबसाइट तैयार की जाएगी, जिसमें नागरिकों, अभिभावकों और छात्रों की राय दर्ज करने के लिए लिंक उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि दो प्रकार की प्रश्नावली बनाई जाएगी। एक आम जनता के लिए और दूसरी मराठी भाषा से जुड़ी संस्थाओं के लिए। यह प्रश्नावली स्कूलों, कॉलेजों, जनप्रतिनिधियों और अभिभावकों तक पहुँचाई जाएगी। इसके साथ ही वे विभिन्न राजनीतिक नेताओं से भी व्यक्तिगत मुलाकात कर उनकी राय समझेंगे। जनमत संग्रह और संवाद की प्रक्रिया के तहत समिति 8 अक्टूबर को संभाजीनगर, 10 अक्टूबर को नागपुर, 30 अक्टूबर को कोल्हापुर, 31 अक्टूबर को रत्नागिरी, 11 नवंबर को नासिक, 13 नवंबर को पुणे, 21 नवंबर को सोलापुर और नवंबर के आखिरी सप्ताह में मुंबई का दौरा करेगी। इस दौरान नागरिक अपनी भावनाएँ और सुझाव सीधे समिति के सामने रख सकेंगे। डॉ. जाधव ने स्पष्ट किया कि अन्य राज्यों में त्रिभाषी फॉर्मूले के क्रियान्वयन की स्थिति का भी अध्ययन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समिति 5 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपने का प्रयास करेगी और यह रिपोर्ट पूरी तरह विद्यार्थियों के हित में तैयार की जाएगी।