मुंबई। महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस और अजित पवार ने संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर की 67वीं पुण्यतिथि पर बुधवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उक्त मौके पर राज्यपाल रमेश बैस ने कहा दुनिया भर के लोग भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को जानते हैं। देश के सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास में उनका योगदान महत्वपूर्ण रहा है। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर एक महान शिक्षाविद् थे, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शोषित वर्ग को शिक्षा मिलनी चाहिए। वे वंचितों और बहुजनों को शिक्षा दिलाने के लिए काम करते रहे। पीपुल्स एजुकेशन सोसायटी जैसी संस्थाओं के माध्यम से वह काम आज भी जारी है। उन्होंने महिलाओं के अधिकारों के लिए काम किया और महिलाओं को सम्मान दिलाया। इंदु मिल में भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर का स्मारक बन रहा है और मुझे विश्वास है कि यह काम जल्द ही पूरा हो जाएगा। वहीं मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि भारतीय संविधान संवैधानिक जीवन जीने का मार्ग है। डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने कानून, अर्थव्यवस्था, ऊर्जा, सिंचाई, महिला नीति, शिक्षा जैसे विभिन्न क्षेत्रों में नीतियां तैयार कीं और इन नीतियों में मानवीय विचारों को जोड़ा। इसीलिए देश की एकता, भाईचारे और एकात्मता के सिद्धांतों को बल मिला। संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है। सरकार ने आज की पीढ़ी को संविधान के महत्व को समझाने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए। सुप्रीम कोर्ट में डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई। इसी तरह इंदु मिल में दुनिया को आश्चर्यचकित करने वाले भारतरत्न डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के स्मारक का निर्माण किया जा रहा है। इस स्मारक का निर्माण कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। इसके साथ ही धर्मार्थ साधना प्रकाशन समिति के काम को भी गति दी गई है। बता दें कि आंबेडकर की पुण्यतिथि को ‘महापरिनिर्वाण दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। बाबा साहेब की पुण्यतिथि के मौके पर नेताओं ने मुंबई के दादर इलाके में शिवाजी पार्क में उनके स्मारक ‘चैत्यभूमि’ पर पुष्पांजलि अर्पित की।