Thursday, December 12, 2024
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डॉ.बाबासाहेब आम्बेडकर का योगदान और विचार नई पीढ़ी तक पहुंचाने का संकल्प

मुंबई। मुंबई शहर के दादर स्थित चैत्यभूमि में भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर के 68वें महापरिनिर्वाण दिवस पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में राज्यपाल सी.पी.राधाकृष्णन, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार समेत कई प्रमुख नेताओं ने डॉ.आम्बेडकर को भावपूर्ण स्मरण करते हुए उनके विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का आह्वान किया। राज्यपाल राधाकृष्णन ने कहा, डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर ने हमें दुनिया का सबसे अच्छा संविधान दिया, जिसने समाज में समानता, एकता और भाईचारे का विचार दिया। जातिमुक्त समाज की उनकी सोच और अस्पृश्यता निवारण में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उन्होंने शिक्षा के माध्यम से अज्ञानता और असमानता को मिटाने की वकालत की। बाबा साहेब के आदर्शों को आत्मसात करना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी। राज्यपाल ने इंदु मिल में बन रहे डॉ. अंबेडकर के स्मारक को भारत और विश्व के युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बताया। उन्होंने यह विश्वास व्यक्त किया कि यह स्मारक जल्द ही पूर्ण होगा और बाबा साहेब के कार्यों और विचारों को सशक्त रूप में प्रदर्शित करेगा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का संबोधन
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, आज हमारा देश दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। यह प्रगति डॉ. आम्बेडकर द्वारा दिए गए संविधान की बदौलत है। उनके विचार और नीतियां आज भी हमारे लिए मार्गदर्शक हैं। भारतीय संविधान देश की हर समस्या का समाधान प्रस्तुत करता है। मुख्यमंत्री ने भीमराव आम्बेडकर की दूरदर्शिता, उनके द्वारा सिंचाई, श्रम और कानून जैसे क्षेत्रों में किए गए ऐतिहासिक कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी नीतियां आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने इंदु मिल में बन रहे डॉ. अंबेडकर के स्मारक को तेजी से पूरा करने का आश्वासन दिया और कहा कि राज्य सरकार हमेशा वंचित और कमजोर वर्गों के कल्याण के लिए कार्य करती रहेगी।
उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का वक्तव्य
एकनाथ शिंदे ने कहा, डॉ. आम्बेडकर ने देश को एक ऐसी संविधान व्यवस्था दी, जो हर व्यक्ति को समान अधिकार देती है। सरकार उनके विचारों के अनुरूप कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने का कार्य कर रही है। बाबा साहेब ने सत्ता को सामाजिक परिवर्तन का हथियार बताया था, और हम उसी दिशा में काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि डॉ. आम्बेडकर ने शिक्षा और समानता के माध्यम से समाज को सशक्त करने का जो मार्ग दिखाया, वह आज भी प्रासंगिक है।
उपमुख्यमंत्री अजित पवार का बयान
अजित पवार ने कहा, डॉ. आम्बेडकर ने शासन और प्रशासन के लिए जो आदर्श स्थापित किए, वे आज भी प्रासंगिक हैं। उनके विचार और नीतियां हर वर्ग के उत्थान के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करती हैं। हमें उनके आदर्शों पर चलते हुए देश और समाज के कल्याण के लिए काम करना चाहिए। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्रियों और राज्यपाल ने महापुरुषों के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। बड़ी संख्या में बाबा साहेब के अनुयायी, विधायक, सांसद और गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे। इस मौके पर सभी ने बाबा साहेब के विचारों को नई पीढ़ी तक पहुंचाने और उनके आदर्शों को आत्मसात करने की शपथ ली।

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