
झांसी, उत्तर प्रदेश। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी के जन्तु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. आदित्य नारायण ने फ्लोरिडा में आयोजित तृतीय अंतर्राष्ट्रीय बहुविषयक सम्मेलन में ऑनलाइन व्याख्यान देते हुए मानव और पर्यावरण के गहरे तथा अभिन्न संबंध को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि मानव जीवन पूरी तरह पर्यावरण पर निर्भर है और अस्वस्थ पर्यावरण न केवल मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है, बल्कि वायु, जल, भोजन और प्राकृतिक संसाधनों की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है। डॉ. नारायण ने प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई और प्राकृतिक संसाधनों के अत्यधिक दोहन जैसी वैश्विक चुनौतियों पर चिंता जताते हुए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर त्वरित और ठोस कदम उठाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते प्रभावी उपाय नहीं किए गए तो आने वाली पीढ़ियों को स्वच्छ जल, शुद्ध वायु, सुरक्षित पर्यावरण और पौष्टिक भोजन जैसी बुनियादी आवश्यकताओं के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। सम्मेलन में मौजूद अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने उनके विचारों का समर्थन करते हुए पर्यावरणीय संकट से निपटने के लिए वैश्विक सहयोग को अनिवार्य बताया। प्रोफेसर मारिया ईमिलिए और प्रोफेसर वॉल्टेर ने भी डॉ. नारायण के विचारों से सहमति जताई। यह सम्मेलन वेनी क्रिएटर क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी, अमेरिका में “थर्ड इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन इनोवेशन एंड एजुकेशनल नेटवर्किंग” के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसमें दुनिया भर के शोधकर्ताओं, वैज्ञानिकों और शिक्षाविदों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यमों से सहभागिता की।




