
ठाणे। ठाणे के कलवा स्थित छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल के पूर्व प्रोफेसर और सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. शैलेश्वर नटराजन (63) को महिला एमबीबीएस प्रशिक्षुओं से छेड़छाड़ के मामले में तीन साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। यह घटना 2014 में उनकी इंटर्नशिप के दौरान घटी थी, जब नटराजन ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए प्रशिक्षुओं के साथ अनुचित व्यवहार किया। डॉ. नटराजन पर आईपीसी की धारा 354 (ए) (यौन उत्पीड़न) और 509 (महिला की गरिमा का अपमान करने के लिए शब्द, संकेत या कृत्य) के तहत आरोप लगाए गए थे। प्रशिक्षुओं द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के बाद, कलवा पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। जांच के दौरान तत्कालीन पुलिस इंस्पेक्टर मुरलीधर करकर और उनकी टीम ने आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबूत जुटाए। इन सबूतों के आधार पर अदालत में चार्जशीट दाखिल की गई। ठाणे की चौथी अदालत की न्यायाधीश मोहिनी नानावरे ने सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए सबूतों और गवाहियों को गंभीरता से लिया। अभियोजक लीना पेडनेकर ने इस मामले में प्रभावी तरीके से पैरवी की। अदालत ने आरोपी को दोनों धाराओं के तहत दोषी करार देते हुए तीन साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई। मामले की जांच और सुनवाई के दौरान पुलिस विभाग और अभियोजन टीम के प्रयासों की व्यापक सराहना हुई। यह निर्णय कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई में एक अहम जीत के रूप में देखा जा रहा है। इस फैसले ने यह स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी पेशे में वरिष्ठता और पद का दुरुपयोग करने वालों को कानून के तहत सख्त सजा का सामना करना पड़ेगा। यह कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।