
मुंबई। भारतीय शतरंज इतिहास में एक नया अध्याय लिखते हुए महज 19 वर्ष की दिव्या देशमुख ने फिडे महिला विश्व कप 2025 का खिताब जीतकर देश को गौरवांवित किया। बुधवार को जब वह मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरीं, तो वहां एक उत्सव जैसा माहौल था। एयरपोर्ट अधिकारियों और कर्मचारियों ने तालियों, फूलों और बधाइयों के साथ उनका भव्य स्वागत किया। दिव्या, यह प्रतिष्ठित खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला बन गई हैं। साथ ही उन्हें ग्रैंडमास्टर (जीएम) की उपाधि से भी नवाजा गया, जिससे वह भारत की 88वीं ग्रैंडमास्टर और सिर्फ चौथी भारतीय महिला ग्रैंडमास्टर बनीं। यह दोहरी उपलब्धि न केवल भारतीय शतरंज को नई ऊंचाइयों पर ले गई है, बल्कि देश भर की महिला खिलाड़ियों के लिए प्रेरणास्रोत भी बनी है। मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे द्वारा जारी बयान में कहा गया। हमें सुश्री दिव्या देशमुख का घर वापसी पर स्वागत करते हुए गर्व हो रहा है। उनकी जीत सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि राष्ट्रीय गौरव का क्षण है। यह उपलब्धि भारत की युवा प्रतिभा की ताकत और देश की खेल संस्कृति की समृद्धि को दर्शाती है। पूरे टूर्नामेंट के दौरान दिव्या की रणनीतिक सूझबूझ, एकाग्रता, और अदम्य साहस ने न केवल शतरंज समुदाय को, बल्कि पूरा देश को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी यह जीत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की शतरंज में बढ़ती ताकत का प्रतीक बनकर उभरी है। इस अभूतपूर्व उपलब्धि के साथ दिव्या देशमुख ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सपने उम्र नहीं देखते, केवल दृढ़ निश्चय और समर्पण ही विजेता बनाते हैं।