मुंबई। मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में दिव्यांग यात्रियों के लिए आरक्षित डिब्बों में अन्य यात्रियों के चढ़ने से दिव्यांगजनो को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। यह समस्या विशेष रूप से पश्चिम रेलवे की विरार लोकल में अधिक देखी जा रही है, जहां शाम के समय भीड़ बढ़ जाने से दिव्यांग यात्रियों को आरक्षित डिब्बे में चढ़ने तक का स्थान नहीं मिल पा रहा है।
दिव्यांग डिब्बों में आम यात्रियों की भीड़
मुंबई लोकल ट्रेनों में दिव्यांगजनो के लिए विशेष रूप से आरक्षित डिब्बे होते हैं, लेकिन सामान्य यात्री नियमों की अनदेखी कर इन डिब्बों में यात्रा करने लगते हैं। खासतौर पर पीक आवर्स में यह समस्या गंभीर हो जाती है। दिव्यांग यात्रियों को सीट तो छोड़िए, ट्रेन में चढ़ने तक की जगह नहीं मिल पाती। एक दिव्यांग यात्री ने बताया, हमारे लिए अलग डिब्बे बनाए गए हैं, लेकिन जब वहां भी सामान्य यात्री चढ़ जाते हैं, तो हम कहां जाएं? रेलवे पुलिस भी कोई कार्रवाई नहीं करती। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और गवर्नमेंट रेलवे पुलिस (जीआरपी) की जिम्मेदारी है कि वे दिव्यांगजनो के लिए आरक्षित डिब्बों में अन्य यात्रियों को चढ़ने से रोकें। लेकिन यात्रियों का कहना है कि अधिकारी इस ओर ध्यान ही नहीं देते। कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।
दिव्यांग यात्रियों की मांग
मुंबई की लोकल ट्रेनों में सफर करने वाले दिव्यांग यात्रियों ने रेलवे प्रशासन से अपील की है कि वे इस समस्या का जल्द समाधान करें। अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो दिव्यांग यात्रियों और सामाजिक संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन भी किया जा सकता है।