
मुंबई। बॉलीवुड अभिनेता डीनो मोरिया 65 करोड़ रुपये के मीठी नदी से गाद निकालने संबंधी धन शोधन मामले में बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष दूसरी बार पेश हुए। यह पेशी एजेंसी के मुंबई स्थित बैलार्ड पियर कार्यालय में हुई, जहां उन्होंने अपना बयान दर्ज कराया। इस बीच, उनके भाई सैंटिनो मोरिया भी ईडी के समन पर अलग से पूछताछ के लिए उपस्थित हुए। ईडी इस बात की जांच कर रही है कि मुंबई की इस प्रमुख बाढ़ नियंत्रण परियोजना में हुए कथित वित्तीय अनियमितताओं से डीनो मोरिया या उनके भाई को किसी प्रकार का आर्थिक लाभ तो नहीं हुआ। मामला कथित रूप से फुलाए गए ठेके, अनुचित भुगतान और गाद निकासी के नाम पर सरकारी कोष की हानि से जुड़ा है। डीनो मोरिया की ईडी के समक्ष यह दूसरी उपस्थिति थी। इससे पहले 12 जून को भी उनका बयान दर्ज किया गया था। इस कार्रवाई से पहले 6 जून को ईडी ने उनके आवास और व्यापारिक परिसरों पर छापेमारी की थी, जिसके बाद समन जारी किया गया। ईडी सूत्रों के अनुसार, जांच की दिशा मोरिया और व्यवसायी केतन कदम के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों पर केंद्रित है। कदम को इस मामले में एक मुख्य बिचौलिया माना जा रहा है। जांचकर्ता यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या डीनो मोरिया ने गाद निकालने वाली परियोजना में ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने या सौदों को प्रभावित करने में कोई भूमिका निभाई थी। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए मोरिया और शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे के बीच कथित संबंधों पर भी नजर रखी जा रही है, हालांकि अभी तक किसी प्रत्यक्ष राजनीतिक हस्तक्षेप के प्रमाण नहीं मिले हैं। ईडी की जांच में कई प्रमुख पहलुओं की पड़ताल की जा रही है, जिसमें गाद निकासी ठेकों का आवंटन, सार्वजनिक धन का दुरुपयोग, और रिश्वतखोरी की आशंका शामिल है। अधिकारियों ने बताया कि जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और परियोजना से जुड़े अन्य लोगों के बयान भी दर्ज किए जा रहे हैं। डीनो मोरिया और उनके भाई ने किसी भी गड़बड़ी से इनकार किया है और जांच में पूरा सहयोग देने की बात कही है। हालांकि ईडी आने वाले दिनों में पूछताछ का दायरा बढ़ा सकती है, क्योंकि यह हाई-प्रोफाइल घोटाला मुंबई की एक महत्वपूर्ण पर्यावरणीय परियोजना से जुड़ा हुआ है और इससे राज्य के प्रशासनिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मची हुई है।