
ठाणे। ठाणे महानगर पालिका (टीएमसी) की 43वीं वर्षगांठ जहां धूमधाम से मनाई जा रही थी, वहीं दूसरी ओर नगर निगम के उपायुक्त शंकर पटोले रिश्वतखोरी में रंगे हाथ पकड़े गए। एसीबी मुंबई की टीम ने बुधवार शाम को पटोले को 25 लाख रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया। एसीबी मुंबई के अपर पुलिस अधीक्षक राजेंद्र सांगले के नेतृत्व में की गई इस कार्रवाई से पूरे मनपा प्रशासन में हड़कंप मच गया है।
सूत्रों के मुताबिक, ठाणे मनपा क्षेत्र में एक जमीन के काम को लेकर पटोले ने एक बिल्डर से 40 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी। सौदा अंततः 35 लाख रुपये में तय हुआ। पहली किश्त के तौर पर बिल्डर ने 10 लाख रुपये पहले ही दे दिए थे। लेकिन शेष 25 लाख रुपये देने से पहले बिल्डर ने एसीबी में शिकायत दर्ज कराई।
जाल बिछाकर पकड़ा गया
पटोले का आधिकारिक कार्यालय मनपा मुख्यालय की दूसरी मंजिल पर है, लेकिन वह अपना निजी काम अक्सर तल मंजिल पर स्थित कर विभाग के कार्यालय से निपटाते थे। एसीबी अधिकारियों को इसकी जानकारी थी, इसलिए जाल भी वहीं बिछाया गया। बुधवार शाम लगभग साढ़े 6 बजे, जब मनपा की वर्षगांठ के कार्यक्रम चल रहे थे, उसी समय बिल्डर पैसे लेकर कर विभाग के कार्यालय पहुंचा। जैसे ही रिश्वत की रकम पटोले को सौंपी गई, एसीबी अधिकारियों ने मौके पर ही उन्हें दबोच लिया। देर रात तक एसीबी की कार्रवाई जारी रही। शंकर पटोले को हाल ही में **सहायक आयुक्त से प्रमोशन देकर उपायुक्त बनाया गया था और उन्हें अतिक्रमण विभाग सहित कई अहम विभागों की जिम्मेदारी दी गई थी। ठाणे मनपा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर हो रहे अवैध निर्माणों को लेकर उन पर पहले से ही आरोप लगते रहे थे। मनपा की वर्षगांठ के दिन ही यह बड़ी कार्रवाई होना निगम प्रशासन और राजनीतिक हलकों में भ्रष्टाचार पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।




