
पंढरपुर। वारकरी परंपरा और संत सेवा को समाज की ऊर्जा बताते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि आषाढ़ी और कार्तिकी वारियों के रूप में आने वाले वारकरी हमारे पहले वीआईपी हैं। रविवार को शिंदे ने शेगाँव दुमला में श्री संत ज्ञानेश्वर मोरे माउली महाराज के समाधि मंदिर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर रोजगार गारंटी योजना और बागवानी मंत्री भरत गोगावले, राजस्व राज्य मंत्री योगेश कदम, पूर्व मंत्री एवं विधायक तानाजी सावंत, विधायक अभिजीत पाटिल, जिला कलेक्टर कुमार आशीर्वाद, मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुलदीप जंगम, पुलिस अधीक्षक अतुल कुलकर्णी सहित संस्था प्रमुख और बड़ी संख्या में वारकरी उपस्थित थे। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार ने मंदिरों के संरक्षण और संवर्धन के लिए 250 करोड़ रुपये की निधि स्वीकृत की है और आषाढ़ी दिंडी अनुदान, बीमा योजना जैसी कल्याणकारी योजनाएँ लागू की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र देश का पहला राज्य है जिसने गौमाता को गाय का दर्जा दिया है और यह भूमि संतों, वीरों, किसानों और मेहनती लोगों की है। रोजगार गारंटी योजना मंत्री भरत गोगावले ने कहा कि सरकार किसानों और वारकरी लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है और संकट में फंसे लोगों की मदद के लिए हमेशा तत्पर है। उद्घाटन समारोह में श्री संत मोरे मौली महाराज के समाधि मंदिर का लोकार्पण उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने किया, जबकि भक्तन निवास क्रमांक 1 का लोकार्पण मंत्री भरत गोगावले ने किया। इस कार्यक्रम से शेगाँव दुमाला गाँव में भक्ति का माहौल बन गया और यह वारकरी संप्रदाय के लिए ऐतिहासिक कदम साबित हुआ।




