
मुंबई। पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी (66) की हत्या की जांच अब नए मोड़ पर पहुँच गई है। उनकी पत्नी शहजीन सिद्दीकी ने मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग की है। वकील त्रिवेंद्रकुमार करनानी के माध्यम से दायर इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि पुलिस अब तक असली दोषियों को पकड़ने में नाकाम रही है और जानबूझकर उन्हें गिरफ्तार करने से बच रही है। शहजीन सिद्दीकी ने दावा किया है कि उनके पति की हत्या के पीछे बिल्डर लॉबी और एक प्रभावशाली नेता की साजिश हो सकती है। उन्होंने कहा कि बाबा सिद्दीकी हमेशा झुग्गीवासियों के पक्ष में खड़े रहते थे, जिससे इलाके के कई डेवलपर्स और बिल्डर उन्हें अपने रास्ते की बाधा मानते थे। बावजूद इसके, पुलिस ने इस पहलू पर कोई ठोस जांच नहीं की। याचिका में यह भी कहा गया है कि कुछ संदिग्ध अपराधियों के वर्तमान राज्य सरकार से संबंध हैं, इसलिए निष्पक्ष जांच के लिए स्वतंत्र एजेंसी की आवश्यकता है। इस याचिका पर सुनवाई अगले हफ्ते मुंबई उच्च न्यायालय में होने की संभावना है।
हत्या से पहले मिली थी धमकी
याचिका में उल्लेख किया गया है कि बाबा सिद्दीकी को उनकी हत्या से पहले कई धमकियाँ मिल चुकी थीं। जुलाई 2024 में उन्हें पृथ्वीजीत चव्हाण नामक व्यक्ति से एक धमकी भरा संदेश मिला था, जिसके बाद उन्होंने अपनी सुरक्षा बहाल करने की मांग की थी। उनके बेटे जीशान सिद्दीकी ने तत्कालीन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर अपने पिता के लिए अतिरिक्त ‘वाई प्लस’ सुरक्षा उपलब्ध कराने की अपील की थी।
बिश्नोई गैंग पर संदेह, विदेश मंत्रालय से प्रत्यर्पण की कार्रवाई
शहजीन सिद्दीकी ने अपनी याचिका में दावा किया कि हत्या की साजिश गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने रची थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, अनमोल ने अपराध जगत में भय और प्रभुत्व स्थापित करने के उद्देश्य से बाबा सिद्दीकी की हत्या का आदेश दिया था। अनमोल बिश्नोई को आरोपपत्र में वांछित आरोपी घोषित किया गया है। पुलिस ने जनवरी 2025 में इस मामले में आरोपपत्र दायर किया था और अप्रैल में आगे की जांच की अनुमति मांगी थी, लेकिन बाद में आवेदन वापस ले लिया गया। अगस्त में परिवार को सूचित किया गया कि विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी अधिकारियों को अनमोल बिश्नोई के प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक अनुरोध भेजा है। परिवार ने जून में सरकार से यह जानकारी भी मांगी थी कि अनमोल को भारत लाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत यह जानकारी देने से इनकार कर दिया गया। इस हत्याकांड में अब तक 26 आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है। सभी पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज है और वे न्यायिक हिरासत में हैं।




