Friday, October 18, 2024
Google search engine
HomeEntertainmentकोंकण रेलवे के विलय की मांग: परिचालन समस्याओं से जूझते यात्रियों का...

कोंकण रेलवे के विलय की मांग: परिचालन समस्याओं से जूझते यात्रियों का संघर्ष

ठाणे। 23 यात्री संगठनों के एक गठबंधन ने कोंकण रेलवे की लगातार परिचालन समस्याओं और खराब सेवा गुणवत्ता का हवाला देते हुए इसे भारतीय रेलवे में विलय करने की पुरजोर मांग की है। यात्रियों का तर्क है कि कोंकण रेलवे की अलग प्रशासनिक स्थिति से क्षेत्र की आवश्यक सेवाओं और बुनियादी ढांचे तक पहुँच मुश्किल हो गई है, जिससे वे भारतीय नागरिक होने के बावजूद उपेक्षित महसूस कर रहे हैं।
अलग परिचालन स्थिति का प्रभाव
कोंकण क्षेत्र के यात्री लंबे समय से कोंकण रेलवे की परिचालन स्थिति से जूझ रहे हैं, जो भारतीय रेलवे से अलग और स्वायत्त है। एक नियमित यात्री ने कहा, “जब ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की बात हो रही है, तो कोंकण रेलवे अपने ही देश में अलग-थलग पड़ा हुआ है। इससे न केवल कनेक्टिविटी बाधित हो रही है, बल्कि धन की कमी भी हो रही है।” यह भावना यात्रियों में गहरी निराशा का प्रतीक है, जो महसूस करते हैं कि उनकी समस्याओं को हल करने में रेलवे प्रबंधन की ओर से कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।
जीर्ण-शीर्ण रेलवे स्टेशन और असमान सुधार
कोंकण रेलवे के अधिकांश स्टेशन, विशेष रूप से महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र में, जर्जर हालत में हैं। स्थानीय यात्रियों के अनुसार, इन स्टेशनों को राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे जीर्णोद्धार प्रयासों से भी कोई खास लाभ नहीं मिला है। “अमृत भारत स्टेशन योजना” के तहत देशभर में रेलवे स्टेशनों के सुधार हो रहे हैं, लेकिन कोंकण रेलवे के केवल उडुपी और मडगांव स्टेशनों को ही इस योजना का लाभ मिला है। वहीं, रत्नागिरी जैसे महत्वपूर्ण स्टेशनों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा, हालांकि उनकी राजस्व क्षमता काफी है।
वित्तीय असमानता
यात्रियों के संगठन के एक सक्रिय सदस्य ने रेलवे के वित्तपोषण में भारी असमानता को उजागर किया। भारतीय रेलवे को 2.62 लाख करोड़ रुपये का बजट मिला, जबकि कोंकण रेलवे को केवल 1,500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए। यह भारी वित्तीय असमानता कोंकण रेलवे के बुनियादी ढांचे में आवश्यक सुधारों को रोक रही है, जिसमें पटरियों का दोहरीकरण और कई प्रमुख स्टेशनों का टर्मिनल में परिवर्तित होना शामिल है।
लगातार चुनौतियाँ
कोंकण रेलवे के यात्रियों को ट्रेन सेवाओं में देरी, सीमित स्टॉप और अपर्याप्त विशेष ट्रेनों की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं ने यात्रियों की निराशा को बढ़ा दिया है और अब वे रेल मंत्रालय से कोंकण रेलवे को भारतीय रेलवे में विलय की मांग कर रहे हैं। यात्रियों के गठबंधन ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने और जल्द से जल्द विलय की प्रक्रिया शुरू करने का आग्रह किया है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments