
मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को केंद्र सरकार से मांग की कि मराठवाड़ा क्षेत्र के बाढ़ प्रभावितों के लिए तुरंत 10,000 करोड़ रुपये का राहत पैकेज घोषित किया जाए। ठाकरे ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश ने पहले से ही सूखे की मार झेल रहे किसानों और आम लोगों को तबाह कर दिया है। अधिकारियों के मुताबिक, मराठवाड़ा में चार दिनों की बारिश में आठ लोगों की मौत हो चुकी है और 33,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की फसलें नष्ट हो गई हैं। सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। राज्य मंत्रिमंडल ने मुंबई में बैठक कर हालात की समीक्षा की है। ठाकरे ने एक बयान में कहा कि राहत राशि सीधे प्रभावित लोगों के बैंक खातों में ट्रांसफर होनी चाहिए और बैंकों को साफ निर्देश दिए जाएं कि इस रकम से किसानों की लोन की किस्तें न काटी जाएं। उन्होंने कहा- पंचनामा और अनुग्रह राशि से जुड़े नियमों में समय न गवाया जाए। प्रभावितों को त्वरित राहत दी जाए और ‘गीले सूखे’ से संबंधित औपचारिकताओं को इस आपदा की घड़ी में दरकिनार किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अब तक मराठवाड़ा को सौतेला व्यवहार देती रही है और इस बार भी प्रभावित किसानों को लेकर संवेदनशीलता नहीं दिखा रही। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि ठाकरे संकट की इस घड़ी को राजनीतिक रंग दे रहे हैं। फडणवीस ने कहा- ऐसे समय लोग राजनीति की उम्मीद नहीं करते। सरकार हर संभव कदम उठा रही है और नियमों के तहत फसल, मकान और पशुओं के नुकसान का अलग-अलग मुआवजा दिया जाएगा। मराठवाड़ा में सूखे के बाद अब बाढ़ से किसानों की परेशानियां दोगुनी हो गई हैं। विपक्ष राहत पैकेज की मांग को लेकर आक्रामक है, जबकि सरकार का दावा है कि नियमों के अनुसार त्वरित मुआवजा दिया जाएगा।




