
एक तरफ पीएम मोदी कहते हैं न खाऊंगा न खाने दूंगा मगर उन्हीं की नाक के नीचे डबल इंजन की सरकार भ्रष्टाचार के सारे रिकार्ड तोड रही है। येदियुरप्पा पर ठेकेदारों ने पचास प्रतिशत कमीशन लेने के आरोप लगाते हुए पचासों ने पीएम मोदी से गुहार लगाई थी मगर हुआ क्या? कुछ भी तो नहीं। कर्नाटक राज्य विधानसभा चुनाव में भ्रष्टाचार अहम मुद्दा था। चुनाव से कुछ दिनों पूर्व ही येदियुरप्पा की जगह बोमई को मुख्यमंत्री बनाकर येदियुरप्पा के भ्रष्टाचार को छुपाने का काम किया गया था। कर्नाटक में बीजेपी के सिटिंग विधायक बसन गौड़ा यतनाल ने बाकायदे प्रेस कांफ्रेंस में येदुरप्पा पर बहुत बड़ा घोटाला चालीस करोड़ का आरोप लगाया है। भ्रष्टाचार का मामला विधायक के बेटे के घर आठ करोड़ रूपए छापेमारी में पकड़े गए थे। कर्नाटक के कृषि मंत्री पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। दूसरे मंत्री पर रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। हाईकोर्ट ने सबूतों के आधार पर बरी कर दिया था। वर्तमान विधायक ने येदियुरप्पा पर कोविद काल में चालीस हजार करोड़ के महा घोटाले का आरोप विधायक ने लगाया है। विधायक बताते हैं कि कोवीद काल में बंगलुरु में दस हजार बेड लगाने के वादे और दावे किए गए। प्रति बेड बीस हजार का भुगतान किया गया। जबकि बेड भाड़े पर लाए गए थे। बीस हजार रुपए में दो बेड खरीदे जा सकते थे। वर्तमान विधायक का कहना है बीजेपी हाई कमान चाहे तो मुझे पार्टी से निकाल दे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। धमकी भी दी कि यदि उसे निकला गया तो वे और भ्रष्टाचार की पोल खोलने लगूंगा। वर्तमान विधायक टिकट मामले में ब्लैक मेल करने का पहले ही आरोप लगा चुके हैं। वे कहते हैं येदुरप्पा की जांच कराई जाए ताकि येदियुरप्पा की असलियत सामने आए। उन्होंने पार्टी हाईकमान को धमकी देते हुए कहा कि अगर उन्हें निकाला गया पार्टी से तो भी वे रुकने वाले नहीं हैं। बीजेपी द्वारा किए गए भ्रष्टाचार वे सामने लाते रहेंगे।
बीजेपी के केंद्रीय मंत्री के सपूत द्वारा दस हजार करोड़ घूस मांगने की सीडी सोशल मीडिया में अनेकों आकर मनोरंजन कर रही हैं। मध्यप्रदेश के मुख्यमत्री पर व्यापम घोटाले के आरोप लगे लेकिन विपक्ष के ऊपर दाग बेहद बुरे लगते हैं। तुरंत सीबीआई और ईडी भेज दी जाती है। जो भ्रष्टाचारी को बीजेपी में लाता या बीजेपी के साथ जोड़कर जांच बंद कर देती है। कभी कोर्ट में याचिका गायब होने का बहाना कर आरोपी को बरी हो जाने देती है। बीजेपी को दाग बड़े अच्छे लगते हैं बशर्ते अपने हों। अब देखना है कि बीजेपी भ्रष्टाचार से लड़ाई और भ्रष्टाचार मुक्त भारत की बात करती है। यदि येदियुरप्पा की जांच सीबीआई या ईडी से कराई जाती है। येदियुरप्पा वे क्या रिपोर्ट देंगी यह तो भाजपा ही तय करेगी। मजाल है जो बीजेपी की मर्जी के बिना ईडी एक पत्ता भी हिला सके।