मुंबई। शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के मामले को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार पर तीखा हमला बोला है। बुधवार को ठाकरे ने सरकार पर भ्रष्टाचार के चरम पर पहुंचने का आरोप लगाते हुए कहा कि महायुति सरकार ने प्रदेश की जनता के साथ विश्वासघात किया है। सिंधुदुर्ग जिले के मालवण तहसील में स्थित राजकोट किले में 17वीं सदी के मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज की 35 फुट ऊंची प्रतिमा सोमवार को गिर गई थी। यह प्रतिमा पिछले साल 4 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अनावरण की गई थी। इस घटना को लेकर ठाकरे ने सरकार की निंदा करते हुए कहा कि प्रतिमा गिरने का सरकार द्वारा दिया गया कारण, जिसमें उन्होंने हवा को दोषी ठहराया, “बेशर्मी की पराकाष्ठा” है। महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर द्वारा दिए गए बयान पर भी ठाकरे ने कड़ी प्रतिक्रिया दी, जिसमें केसरकर ने कहा था कि प्रतिमा के गिरने से कुछ अच्छा हो सकता है। ठाकरे ने इसे शिवाजी महाराज का अपमान बताते हुए कहा कि इस घटना ने महाराष्ट्र की जनता की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उद्धव ठाकरे ने महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के विरोध को और तेज करने का आह्वान किया है। उन्होंने घोषणा की कि सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन दर्ज कराने के लिए एमवीए 1 सितंबर को दक्षिण मुंबई के हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक मार्च निकालेगी। ठाकरे ने कहा कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के खिलाफ उठाई गई आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है, जो कि एक गंभीर विश्वासघात है। इस दौरान ठाकरे ने शिवसेना (यूबीटी) के कार्यकर्ताओं और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद नारायण राणे के बीच हुई झड़प का भी जिक्र किया, जो एमवीए के प्रतिनिधिमंडल के राजकोट किले में जाने के दौरान हुई थी। ठाकरे ने इस घटना को भी सरकार की नाकामी के रूप में प्रस्तुत किया और कहा कि सरकार शिवाजी महाराज की विरासत की रक्षा करने में असफल रही है।