
औरंगाबाद। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर (ओरंगाबाद) में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब के मकबरे को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। बजरंग दल सहित दक्षिणपंथी समूहों की ओर से मकबरे को ध्वस्त करने की धमकियों के बाद अधिकारियों ने इसकी सुरक्षा कड़ी कर दी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अंतर्गत संरक्षित इस मकबरे को लेकर हाल ही में राजनीतिक और सांप्रदायिक विवाद तेज हो गया है। बजरंग दल के मुंबई, महाराष्ट्र और गोवा के संयोजक विवेक कुलकर्णी ने खुले तौर पर ऐलान किया है कि इस ढांचे का हश्र बाबरी मस्जिद जैसा होगा। कुलकर्णी ने मकबरे को गिराने के लिए लाखों लोगों के साथ ‘कार सेवा’ करने की योजना का भी ऐलान किया है। उनका कहना है कि संगठन पहले धरना देगा और फिर आगे बढ़ने से पहले जिला कलेक्टर को पत्र सौंपेगा। विवाद की शुरुआत 7 मार्च को हुई, जब छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज और सतारा से सांसद उदयन राजे भोसले ने मकबरे को ध्वस्त करने की मांग की और औरंगजेब को “चोर और लुटेरा” बताया। इसके बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि कई लोग चाहते हैं कि यह मकबरा हटा दिया जाए, लेकिन इसके लिए कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए।
एएसआई ने मकबरे को बताया राष्ट्रीय धरोहर
वहीं, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस मकबरे को ‘राष्ट्रीय हित के स्मारक’ का दर्जा प्राप्त है और इसे कानूनी सुरक्षा प्राप्त है। इस विवाद का असर स्थानीय व्यवसायों पर भी पड़ रहा है। व्यापारियों का कहना है कि विवाद के चलते आगंतुकों की संख्या में भारी कमी आई है। एक दुकानदार ने कहा, रमज़ान भी एक कारण हो सकता है, लेकिन अगर स्थिति ऐसी ही रही, तो हमें अपनी दुकानें बंद करनी पड़ सकती हैं। राजनीतिक मोर्चे पर भी इस मुद्दे ने सत्तारूढ़ शिवसेना और विपक्षी शिवसेना (यूबीटी) के बीच टकराव बढ़ा दिया है। विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि कब्र को हटाने से इतिहास मिट जाएगा, जबकि राज्य के मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र के लिए कोई जगह नहीं है। फिलहाल, मकबरे की सुरक्षा बढ़ा दी गई है और प्रशासन हालात पर पैनी नजर बनाए हुए है।