Friday, October 18, 2024
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हरियाणा की जेल में रची गई बाबा सिद्दीकी की हत्या की साजिश, गुरमेल सिंह को कोर्ट ने 21 अक्तूबर तक पुलिस रिमांड, सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट

मुंबई। एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात को बांद्रा पूर्व खेरवाड़ी में बेटे विधायक जीशान सिद्दीकी के कार्यालय के पास गोली मारकर हत्या कर दी गई। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों, गुरमैल सिंह और धर्मराज कश्यप को गिरफ्तार किया है, जबकि दो अन्य आरोपी, शिव कुमार और जीशान अख्तर, अभी फरार हैं। यह घटना उस समय हुई जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे जीशान सिद्दीकी के दफ्तर से बाहर निकल रहे थे। बता दें कि घटना रात करीब 9:15 बजे बांद्रा के खेरवाड़ी सिग्नल के पास हुई। बाबा सिद्दीकी अपने बेटे के दफ्तर के बाहर थे, जब तीन हमलावरों ने उन पर गोलियां चलाईं। सिद्दीकी को तीन गोलियां लगीं, जिनमें से एक गोली उनके सीने में लगी। गोली लगने के तुरंत बाद उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस फायरिंग के दौरान सिद्दीकी के एक सहयोगी को भी गोली लगी, लेकिन उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
आरोपियों की गिरफ्तारी और साजिश
पुलिस ने दो आरोपियों, गुरमैल सिंह और धर्मराज कश्यप, को मौके से गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से दो पिस्तौल और 28 जिंदा गोलियां बरामद हुईं। पुलिस की जांच के मुताबिक, इस हत्या की साजिश हरियाणा की कतर जेल में रची गई थी। तीनों शूटर – गुरमैल सिंह, धर्मराज कश्यप और शिव कुमार – हरियाणा की जेल में एक साथ थे, जहां उन्होंने बाबा सिद्दीकी की हत्या की योजना बनाई।
गुरमेल सिंह को कोर्ट ने 21 अक्तूबर तक पुलिस रिमांड
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड के दोनों आरोपियों को मुंबई पुलिस ने रविवार को कोर्ट में पेश किया। कोर्ट में सुनवाई के दौरान एक आरोपी धर्मराज राजेश कश्यप ने खुद को नाबालिग बताया। उसने दावा किया कि उसकी उम्र सिर्फ 17 साल है। धर्मराज के इस दावे के बाद अभियोजन पक्ष ने आरोपी का बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट कराने की मांग की है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। वहीं, दूसरे आरोपी गुरमेल बलजीत सिंह को कोर्ट ने 21 अक्तूबर तक लिए पुलिस रिमांड में भेज दिया है। धर्मराज के बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट के रिजल्ट आने के बाद कोर्ट उसकी कस्टडी पर फैसला सुनाएगा।
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट
फेसबुक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें अभिनेता सलमान खान को धमकी दी गई है। यह पोस्ट शुभु लोनकर नाम के व्यक्ति द्वारा की गई है और इसमें दावा किया गया है कि बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे सलमान खान और दाऊद इब्राहिम से जुड़े लोग हैं। इस पोस्ट में कहा गया है, सलमान खान, हम ये जंग चाहते नहीं थे, लेकिन तुमने हमारे भाई का नुकसान करवाया। इसके बाद बाबा सिद्दीकी की मौत के संदर्भ में लिखा गया है कि ठआज उनकी शराफत की बातें हो रही हैं, लेकिन वह एक समय दाऊद के साथ मकोका एक्ट में था। पोस्ट में दावा किया गया कि बाबा सिद्दीकी की मौत का कारण अनुज थापन और दाऊद इब्राहिम के बॉलीवुड, राजनीति, और प्रॉपर्टी डीलिंग से जुड़े होने के कारण हुआ। पोस्ट में स्पष्ट रूप से सलमान खान को चेतावनी दी गई है, जिसमें कहा गया है कि ठहमारी किसी से दुश्मनी नहीं है, पर जो भी सलमान खान और दाऊद गैंग की मदद करेगा, उसे इसका हिसाब-किताब लगाना पड़ेगा। पोस्ट के अंत में लिखा गया कि ठहमने कभी पहले हमला नहीं किया, लेकिन अगर हमारे किसी भाई को कोई मारेगा, तो हम प्रतिक्रिया देंगे। पोस्ट में अंत में लॉरेंसबिश्नोईग्रुप, #अनमोलबिश्नोई, और #अंकितभादूशेरेवाला हैशटैग का इस्तेमाल किया गया है, जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े होने का संकेत देता है। यह गैंग पहले से ही सलमान खान को धमकियों के लिए कुख्यात रहा है, और यह पोस्ट इस दिशा में एक और गंभीर चेतावनी के रूप में सामने आ रहा है।
पुलिस जांच और फरार आरोपी
मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने बताया कि तीसरा आरोपी शिव कुमार और चौथा आरोपी जीशान अख्तर फरार हैं। शिव कुमार ने मौके पर गोलीबारी की थी। पुलिस ने बताया कि आरोपी मिर्ची स्प्रे लेकर आए थे, लेकिन फायरिंग करने से पहले उन्होंने स्प्रे का इस्तेमाल नहीं किया। इसके बजाय, शिव कुमार ने सीधे फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस अब फरार आरोपियों की तलाश में जुटी है और उनकी गिरफ्तारी के लिए तीन राज्यों-मध्य प्रदेश, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में जांच टीमें भेजी गई हैं। शुरुआती जांच में यह भी सामने आया है कि तीनों आरोपी 2 सितंबर से मुंबई में रह रहे थे और उन्होंने कुर्ला में एक किराए का कमरा लिया था। आरोपियों ने पिछले महीने मुंबई आकर योजना बनाई थी और कुछ दिनों से सिद्दीकी की दिनचर्या पर नजर रख रहे थे। उन्होंने एक डिलीवरी बॉय की मदद से हत्या के लिए बंदूक की व्यवस्था की थी। पुलिस ने आरोपियों के पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद किया है, जिसमें जुहू बीच पर ली गई तस्वीरें मिलीं। यह तस्वीरें आरोपियों के बीच की आपसी पहचान के लिए महत्वपूर्ण साबित हुईं। घटना के वक्त बाबा सिद्दीकी के साथ तीन कांस्टेबल मौजूद थे, लेकिन वे फायरिंग के दौरान कुछ नहीं कर पाए। पुलिस इस मामले में उनके रोल की भी जांच कर रही है।

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