
नागपुर। सातारा जिले के फलटण में महिला डॉक्टर की आत्महत्या की घटना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति गठित की है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधान सभा में कहा कि महाराष्ट्र सरकार राज्य की महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री फडणवीस ने विधायक अमित साटम द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि फलटण महिला डॉक्टर आत्महत्या प्रकरण में जिन व्यक्तियों के नाम सामने आए हैं, उनकी जांच की जा रही है। मृतक महिला की सुसाइड नोट की लिखावट की पुष्टि हो चुकी है। गिरफ्तार आरोपियों द्वारा महिला डॉक्टर का शोषण और धोखाधड़ी करने की बात भी जांच में सामने आई है। मामला आरोपी द्वारा महिला डॉक्टर को ‘अनफिट’ प्रमाणपत्र देने से संबंधित था। यह घटना लगभग पाँच महीने पुरानी है और आत्महत्या का मुख्य कारण आरोपी द्वारा की गई धोखाधड़ी ही पाया गया है। घटना से पहले महिला से मिलने वाले लोगों के सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध हैं। इसके अलावा, कोरेगांव पार्क, पुणे की छात्रा आत्महत्या मामले की भी विस्तृत जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार की नई तीन दंड संहिताओं में ‘शक्ति कानून’ की कई धाराओं का समावेश किया गया है, लेकिन इनमें से कुछ प्रावधान सर्वोच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हैं। इन पहलुओं का अध्ययन किया जा रहा है और आवश्यक संशोधनों पर कार्य चल रहा है। मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में संजय गांधी निराधार योजना का निधि रोक नहीं किया गया है और इस योजना का लाभ डीबीटी के माध्यम से देने का प्रयास जारी है। इस दौरान चर्चा में विधायक विजय वडेट्टीवार, प्रकाश सोलंके, ज्योति गायकवाड़, सुनील प्रभु और नाना पटोले ने भाग लिया।




