मुंबई। आदिवासी समाज की सांस्कृतिक विरासत, भाषा, कला और परंपरा को संरक्षित करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए, आदिवासी विकास मंत्री अशोक उइके ने कहा है कि सरकार आदिवासी समाज के अधिकारों की सुरक्षा और उनके विकास के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। विधान भवन में आयोजित एक समीक्षा बैठक के दौरान, मंत्री उइके ने आदिवासी समाज की विभिन्न समस्याओं की चर्चा की। उन्होंने कहा कि “वन अधिकार भूमि पट्टों के कानून समय-समय पर बदलते रहे हैं। इस संबंध में, मंत्री ने राजस्व, वन विभाग और ग्राम विकास विभाग के साथ शीघ्र बैठक की योजना बनाई है। इस बैठक में मुख्यमंत्री की सौ दिन की उपक्रम बैठक में आदिवासी समाज के मुद्दों के समाधान के लिए तैयार की गई योजनाओं पर भी चर्चा की गई। मंत्री ने आश्वासन दिया कि आदिवासी विकास विभाग वन अधिकार भूमि के मुद्दे को तत्काल हल करने के लिए सक्रिय कदम उठाएगा। मंत्री उइके ने यह भी कहा कि आदिवासी समाज के प्रमुख मुद्दों जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, भूमि अधिकार, आर्थिक विकास और सांस्कृतिक संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। बैठक में वन विभाग के लंबित दावे, वन धन योजना, कातकरी समाज के लिए घरकुल, जाति प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड और शबरी आदिवासी वित्त एवं विकास निगम द्वारा तैयार शबरी नेचुरल ब्रांड पर भी चर्चा की गई। इस बैठक में विधायक राजेश पाडवी, काशिराम पावरा, केवलराम काले, राजू तोड़साम, दिलीप बोरसे, हरिश्चंद्र भोये, भीमराव केराम और मंजुलाताई गावित के साथ वनवासी कल्याण आश्रम के सदस्य भी उपस्थित थे। मंत्री उइके ने सभी सदस्यों को आश्वासन दिया कि आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।