
मुंबई। मराठी भाषा को प्राप्त शास्त्रीय भाषा के दर्जे का सम्मान करते हुए राज्य सरकार ने इस वर्ष से 3 अक्टूबर को ‘शास्त्रीय मराठी भाषा प्रशंसा दिवस’ के रूप में मनाने और 3 अक्टूबर से 9 अक्टूबर तक का सप्ताह ‘शास्त्रीय मराठी भाषा सप्ताह’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर मराठी भाषा विभाग द्वारा मुंबई, नागपुर और अमरावती में विविध कार्यक्रम आयोजित किए जाएँगे। 3 अक्टूबर को सुबह 11 बजे रवींद्र नाट्य मंदिर, प्रभादेवी, मुंबई में विशेष कार्यक्रम होगा जिसमें शास्त्रीय भाषा सप्ताह का उद्घाटन, विशेष डाक टिकट और आवरण का अनावरण तथा शास्त्रीय मराठी भाषा पर आधारित पुस्तकों और विशेषांकों का प्रकाशन किया जाएगा। पी.एल. देशपांडे महाराष्ट्र कला अकादमी, मुंबई में 4 अक्टूबर को सुबह 11 बजे और 9 अक्टूबर को शाम 4.30 बजे कार्यक्रम आयोजित होंगे, जिनमें ‘शिव-शक्ति संप्रदायाची लोक-गण परंपरा’ पुस्तक पर संगोष्ठी शामिल है। नागपुर में 6 अक्टूबर को शाम 6 बजे वनमती ऑडिटोरियम में ‘मझ्या मराठीचा टीला’ कविताओं के गायन का कार्यक्रम होगा। इसी प्रकार 6 और 7 अक्टूबर को संत गाडगेबाबा अमरावती विश्वविद्यालय, अमरावती में ‘अभिजात भारतीय भाषाविद् सम्मेलन 2025’ का आयोजन होगा तथा 8 अक्टूबर को अमरावती के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा। इसके अतिरिक्त, राज्य मराठी विकास संस्था, मुंबई के यूट्यूब चैनल पर 3 से 9 अक्टूबर तक प्रतिदिन ऑनलाइन कार्यक्रम प्रसारित किए जाएँगे जिनमें मराठी भाषा के दर्जे, उत्पत्ति, व्याकरण, लोकोक्तियाँ, समाचार और सौंदर्य, बोलीभाषा और प्रमाणभाषा, अर्थजनची भाषा और नई पीढ़ी की भाषा जैसे विषयों पर चर्चाएँ होंगी। मराठी भाषा विभाग की सचिव डॉ. किरण कुलकर्णी ने कहा कि इस आयोजन का उद्देश्य मराठी भाषा के शास्त्रीय गौरव को जन-जन तक पहुँचाना और नई पीढ़ी में भाषा के प्रति गर्व व संवेदनशीलता का भाव विकसित करना है।




