
पनवेल। शास्त्रीय मराठी भाषा दिवस और संवर्धन सप्ताह के उपलक्ष्य में 3 से 9 अक्टूबर तक पूरे महाराष्ट्र में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी क्रम में पनवेल नगर निगम द्वारा विभिन्न विद्यालयों और महाविद्यालयों में निबंध लेखन, प्रश्नोत्तरी और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। प्रतियोगिताओं में विजयी छात्रों के सम्मानार्थ हाल ही में पुरस्कार वितरण समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व कुलपति डॉ. वी.एल.धारुरकर ने अपने संबोधन में कहा कि “पढ़ना जीवन को समृद्ध बनाता है और व्यक्ति को आनंद, ज्ञान तथा संस्कृति प्रदान करता है। पुस्तकें हमारे जीवन की आजीवन मार्गदर्शक होती हैं- वे हमें अधिक सभ्य, संवेदनशील और विचारशील बनाती हैं। डॉ. धारुरकर ने नगर निगम की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि शास्त्रीय मराठी भाषा के प्रति जागरूकता और सम्मान का प्रसार समाज के सांस्कृतिक विकास के लिए आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि मराठी भाषा का संवर्धन केवल शैक्षणिक दायरे में सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे जनजीवन के प्रत्येक क्षेत्र में आत्मसात किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में लगभग 70 विद्यार्थियों को उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्रमाणपत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए। इन विद्यार्थियों में इंजीनियरिंग, वाणिज्य और शिक्षा जैसी विभिन्न धाराओं के छात्र शामिल थे। समारोह में पनवेल के कई विद्यालयों और कॉलेजों से छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और अभिभावकों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति रही। कार्यक्रम का समापन युवा पीढ़ी में मराठी भाषा और साहित्य के संरक्षण व संवर्धन के महत्व पर बल देते हुए धन्यवाद प्रस्ताव के साथ किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान और आत्मगौरव की धारा है और मराठी जैसी समृद्ध भाषा का संरक्षण समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है।